Social Sciences, asked by rishantchendel63, 9 months ago

संघवाद में कितने प्रकार की सरकारी होती है​

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Answered by munni07101980
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Answer:

संघवाद (फ़ेडरलिज़्म) संवैधानिक राजसंचालन की उस प्रवृत्ति का प्रारूप है जिसके अंतर्गत विभिन्न राज्य एक संविदा द्वारा एक संघ की स्थापना करते हैं। इस संविदा के अनुसार एक संघीय सरकार एवं अनेक राज्य सरकारें संघ की विभिन्न इकाइयाँ हो जाती हैं।

Note:- इंडिया में फ़ेडरलिज़्म 'कनाडा' से लिया गया है।

सामान्य रूप से प्रभुसत्ता का विभाजन संघीय एवं राज्यसरकारों के मध्य उनके संविधान में उल्लिखित होता है जो उस संविदा को अंतिम रूप से पुष्ट करता है। साधारणतया संघीय सरकार को ऐसे कार्यों के संचालन का भार दिया जाता है जिन्हें क्षेत्रविस्तार खर्चीला अथवा दुरूह होने के कारण राज्य स्वयं चलाने में कठिनाई प्रतीत करते हैं। अत: इन कार्यों के चलाने के लिए वे सब इकाइयाँ प्रतीत करते हैं। अत: इन कार्यों के चलाने के लिए वे सब इकाइयाँ अपनी राजशक्तियों का एक निश्चित भाग संघीय सरकार को अधिकार एवं साधन के रूप में प्रदान कर देते हैं। शेष अन्य विषयों में राज्य स्वयं कार्यभार वहन करते हैं एवं उसके प्रतिरूप अधिकार एवं साधन के रूप में प्रदान कर देते हैं। शेष अन्य विषयों में राज्य स्वयं कार्यभार वहन करते हैं एवं उसके प्रतिरूप अधिकार एवं साधन संविधान द्वारा लेते हैं। इस प्रकार एकात्मक संविधान (यूनिटरी संविधान) के विपरीत संघात्मक संविधान एक ही संविधान के अंतर्गत राजद्वै (डुवल पालिटी) को स्थापना करता है। परिणामस्वरूप ऐसे संघ के नागरिक दो प्रकार की सरकारों, संघीय एवं राज्य सरकारों के अधीनस्थ होते हैं।

Answered by kirankaurspireedu
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Answer:

संघवाद में कितने सरकारी होते हैं? उत्तर: किसी भी संघीय व्यवस्था में सामान्य तौर पर सरकार के दो स्तर होते हैं। एक स्तर पर पूरे देश के लिये एक सरकार होती है और दूसरे स्तर पर राज्य की सरकारें होती हैं।संघवाद सरकार का वह रूप है जिसमें शक्ति का विभाजन आंशिक रूप से केंद्र सरकार और राज्य सरकार अथवा क्षेत्रीय सरकारों के मध्य होता है। संघवाद संवैधानिक तौर पर शक्ति को साझा करता है क्योंकि इसमें स्वशासन तथा साझा शासन की व्यवस्था होती है। आजादी के उपरांत से लेकर अब तक भारतीय संघवाद का स्वरूप बदलता रहा है।

Explanation:

गार्नर के अनुसार-”संघात्मक सरकार एक ऐसी प्रणाली है जिसमें केन्द्रीय तथा स्थानीय सरकारें एक सामान्य प्रभुसत्ता के अधीन होती है। यह सरकारें अपने अपने निश्चित क्षेत्र में सर्वोच्च होती हैं। उनका कार्यक्षेत्र संविधान द्वारा ही निश्चित किया जाता है।”भारतीय शासन अधिनियम 1919 के माध्यम से 50 विषयों पर कानून बनाने का अधिकार प्रान्तों को प्रदान किया था। भारत में भारत सरकार अधिनियम के 1935 के माध्यम से सबसे पहले संघवाद शब्द का प्रयोग किया गया। इस प्रकार भारत में संघवाद का जन्म हुआ।

#SPJ3

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