Hindi, asked by pinkyjaiswal118, 5 months ago

सिंहासन हिल उठे, राजवंशों ने भृकुटी तानी थी,
बूढ़े भारत में भी आई फिर से नयी जवानी थी,
दूर फ़िरंगी को करने की सबने मन में ठानी थी,
गुमी हुई आजादी की कीमत सबने पहचानी थी,
A
चमक उठी सन् सत्तावन में
वह तलवार पुरानी थी।
बुंदेले हरबोलों के मुँह
हमने सुनी कहानी थी।
खूब लड़ी मर्दानी वह तो
झाँसीवाली रानी
थी।। Hindi Arth

Answers

Answered by priyankayadav46200
10

Rani Laxmi Bai ne apni virta se sabhi ke singhasan ko hila kar rakha tha, rajvanse ne bhi apni bhoe Garv se taan li thi,

budhe Bharat me wo jawani ki dor lekar aai thi ,

sabhi ne thaan liya tha ki angrejo ko hamare desh me hum nahi rehne denge,

Jo aazadi kho gai thi ab wo phir se apni pehchan bana rahi thi,

San 1857 me Jo yudha ke liye talvar uthi veh purani thi.

bundelo ki gathao me humne Kahani suni thi,

jinhone itna sangharsh kiya wo to jhansi ki Rani Laxmi Bai thi

Answered by priyadarshinibhowal2
1

कविता की पंक्तियों का अर्थ:

  • 1857 के मुक्ति आंदोलन में झाँसी की रानी लक्ष्मी बाई की वीरता का उल्लेख कवयित्री ने पढ़ी जा रही कविता में किया है। लक्ष्मी बाई ने अपनी अविश्वसनीय वीरता और युद्ध कौशल का प्रदर्शन करके उस लड़ाई में सबसे साहसी योद्धाओं को भी चकित कर दिया। उनके साहस और पराक्रम ने उनके विरोधियों को भी भयभीत कर दिया। चूंकि वह एक छोटा लड़का था, इसलिए उसे तलवारबाजी, घुड़सवारी, तीरंदाजी और निशानेबाजी का शौक था।
  • उसने बहुत कम उम्र में लड़ने की कला सीख ली थी। वह अपने पति के असामयिक निधन के बाद झाँसी के सिंहासन के लिए सफल हुईं और अपनी अंतिम सांस तक क्षमता के साथ देश की रक्षा की और इसे बचाने के लिए अंग्रेजों के साथ युद्ध में शामिल रहीं। एक समय उनके विरोधियों ने भी उनकी वीरता की प्रशंसा की थी।

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