(२) साहित्य में जीवन-मूल्य सामाजिक जीवन के संबंधों में उभरते हैं। व्यक्ति का उसके परिवेश के साथ निरंतर संघर्ष चलता
है। व्यक्ति और समाज के बनते-बिगड़ते रिश्तों में यह संघर्ष अधिकाधिक गहरा होता जाता है। अस्मिता की सार्थकता के लिए
प्रयत्नशील व्यक्ति मान्यताओं को चुनौती देता है, फलस्वरूप नई मान्यताएँ जन्म लेती हैं। यद्यपि प्रत्येक युग में एक या अनेक
कारणों से सामाजिक जटिलताएँ गहराती है तथापि व्यक्ति संदर्भ में विशिष्ट जटिलताएँ ही उसकी मान्यताओं को प्रभावित करती
हैं। आतरिक और बाह्य दबाव समाज के स्वरूप में नित्य परिवर्तन करते हैं। यह परिवर्तन कभी बहुत तीव्र तथा कमी अत्यंत
मंद होता है। जिस प्रकार भू-गर्भ में परिवर्तन की प्रक्रियाएँ प्रभावी रहती हैं, उसी प्रकार समाज में भी अदृश्य परिवर्तन घटित होते
रहते है, प्रभाव रूप में ही प्रगट होता है। आधुनिक युग में यातायात, संचार, सूचना और भौतिक संसाधनों के बहुआयामी उपयोग
हेतु उपलब्ध उपकरणो ने सामाजिक जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन किए हैं। पिछले दो दशकों में आए परिवर्तनों ने व्यक्ति के
अस्मिता के आग्रह को प्रबलतर किया है। मान्यताओं में तीव्रता से बदलाव आया है। वैज्ञानिक उपलब्धियों के फलस्वरूप नित्य
नवीन प्रोद्योगिकी ने विश्व के भिन्न समाजों को परस्पर प्रभावित कर संसार को एक समुदाय-सा बना दिया है।
पांच ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर 5 points
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एक वाक्य में हो
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tsjtsjtsjtfnsthsgnjtsjtsjtnfsnf
Explanation:
zgnjfsshthfshfsjzjdkgdgkdykdo
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lan meew jaaajajanannwwjwnwaj
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