Hindi, asked by priyankamaravi824, 2 months ago

साहित्य में जल की महत्ता को किस प्रकार पृमाणित किया गया है?​

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Answered by XxDARKxxKNIGHTxX
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Answer:-

जल जीवन है, यह सत्य है कि इंसान भोजन के बिना कई दिन जीवित रह सकता है पर पानी के बिना नही! जल और जीवन का घनिष्ट सम्बन्ध है। यदि जल है तो कल है, जल नहीं तो कल नहीं। जैसे पहले रहीम जी ने कहा था कि

जल जीवन है, यह सत्य है कि इंसान भोजन के बिना कई दिन जीवित रह सकता है पर पानी के बिना नही! जल और जीवन का घनिष्ट सम्बन्ध है। यदि जल है तो कल है, जल नहीं तो कल नहीं। जैसे पहले रहीम जी ने कहा था कि यह वाक्य जीवन में पानी के महत्त्व को व्यक्त करता है। जीवन और प्रकृति का सम्पूर्ण सौन्दर्य पानी पर ही निर्भर है। इसलिये जल को जीवन कहा गया है। पानी के बिना जीवन की कल्पना करना असम्भव है।

जल जीवन है, यह सत्य है कि इंसान भोजन के बिना कई दिन जीवित रह सकता है पर पानी के बिना नही! जल और जीवन का घनिष्ट सम्बन्ध है। यदि जल है तो कल है, जल नहीं तो कल नहीं। जैसे पहले रहीम जी ने कहा था कि यह वाक्य जीवन में पानी के महत्त्व को व्यक्त करता है। जीवन और प्रकृति का सम्पूर्ण सौन्दर्य पानी पर ही निर्भर है। इसलिये जल को जीवन कहा गया है। पानी के बिना जीवन की कल्पना करना असम्भव है।सून से आशय शून्य से और निरर्थक होने से है। पानी के और भी अर्थ होते हैं जैसे चमक या कान्ति और स्वाभिमान हर जगह और हर अर्थ में पानी अपनी विशिष्टता में अद्वितीय और अनिवार्य है। पानी मनुष्य के लिये ही आवश्यक नहीं है बल्कि यह पशु, पक्षी, पेड़, पौधे, प्रकृति सभी के लिये उपयोगी एवं आवश्यक है। यह मनुष्य को मानसिक व शारीरिक रूप से स्वस्थ रखते हुए बल में वृद्धि करता है।

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