Hindi, asked by sathyam9666633, 2 months ago

सोहन लाल द्विवेदी का कविता और चित्र लिखिए। ​

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Answered by rishavkumar1128
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Answer:

लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती

कोशिश करने वालों की हार नहीं होती

नन्ही चीटी जब दाना लेकर चलती है

चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है

मन का विश्वाश रगों मे साहस भरता है

चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है

आखिर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती,

कोशिश करने वालों की हार नहीं होती

डुबकियां सिन्धु मे गोताखोर लगाता है,

जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है

मिलते नहीं सहज ही मोंती गहरे पानी में,

बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में.

मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती,

कोशिश करने वालों की हार नहीं होती

असफलता एक चुनौती है , इसे स्वीकार करो ,

क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो .

जब तक ना सफल हो , नींद चैन को त्यागो तुम ,

संघर्ष का मैदान छोड़कर मत भागो तुम.

कुछ किए बिना ही जय जयकार नहीं होती,

कोशिश करने वालों की हार नहीं होती

-सोहनलाल द्विवेदी

Note:

कई लोग इस रचना को हरिवंशराय बच्चन जी द्वारा रचित मानते हैं। लेकिन श्री अमिताभ बच्चन ने अपनी एक फ़ेसबुक पोस्ट में स्पष्ट किया है कि यह रचना सोहनलाल द्विवेदी जी की है।

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