Hindi, asked by kbadraiah1975, 3 months ago

सोहनलाल दिवटी जी का एक कविता.

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Answered by mayankjoshi123a
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Answer:

राष्ट्रकवि सोहन लाल द्विवेदी की 1 बेहतरीन कविता

तुम्हारा प्रण उठे निखर, भले ही जाए जन बिखर, रुको नहीं, झुको नहीं, बढ़े चलो, बढ़े चलो । जिये चलो, मरे चलो, बढ़े चलो, बढ़े चलो ।

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