साहस के बिना क्या नहीं हो सकता? साहस के कारण हृदय में कौन बसे हैं?
Answers
Explanation:
व्याख्या-निबंधकार का कहना है कि साहस जीवन का सबसे बड़ा मंत्र है। उच्च श्रेणी के साहस के लिए यह जरूरी है कि वह व्यक्ति शरीर से ताकतवर हो, बलिष्ठ हो। इसके लिए धन दौलत और मान-सम्मान की भी आवश्यकता नहीं है। इसके लिए उदार और पवित्र हृदय की आवश्यकता है। चरित्र की दृढ़ता भी उतनी है जरूरी है। दृढ़ चरित्र वाला ही उच्च श्रेणी का साहस दिखा सकता है। इन तमाम गुणों के ऊपर है कर्त्तव्यपरायणता, जिसके बिना साहस अधूरा रह जाएगा। कर्तव्य ज्ञान के अभाव में मनुष्य पशु के समान है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि उच्च कोटि के साहस के लिए हदय की पवित्रता, उदारता, चरित्र की दृढ़ता और कर्त्तव्यपरायणता परम आवश्यक है।
Explanation:
साहस का अर्थ है स्वार्थरहित होकर अपने देश और देशवासियों के रक्षार्थ कर्त्तव्य का पालन करना । काम बड़ा हो या छोटा-बिना साहस के नहीं हो सकता। लेखक के अनुसार साहस की कई श्रेणियाँ हैं
साहस का अर्थ है स्वार्थरहित होकर अपने देश और देशवासियों के रक्षार्थ कर्त्तव्य का पालन करना । काम बड़ा हो या छोटा-बिना साहस के नहीं हो सकता। लेखक के अनुसार साहस की कई श्रेणियाँ हैंनीच श्रेणी का साहस-इस प्रकार का साहस जोर और डाकू दिखाते हैं।
साहस का अर्थ है स्वार्थरहित होकर अपने देश और देशवासियों के रक्षार्थ कर्त्तव्य का पालन करना । काम बड़ा हो या छोटा-बिना साहस के नहीं हो सकता। लेखक के अनुसार साहस की कई श्रेणियाँ हैंनीच श्रेणी का साहस-इस प्रकार का साहस जोर और डाकू दिखाते हैं।मध्यम श्रेणी का साहस प्राय-शूरवीरों में पाया जाता है।
साहस का अर्थ है स्वार्थरहित होकर अपने देश और देशवासियों के रक्षार्थ कर्त्तव्य का पालन करना । काम बड़ा हो या छोटा-बिना साहस के नहीं हो सकता। लेखक के अनुसार साहस की कई श्रेणियाँ हैंनीच श्रेणी का साहस-इस प्रकार का साहस जोर और डाकू दिखाते हैं।मध्यम श्रेणी का साहस प्राय-शूरवीरों में पाया जाता है।सर्वोच्च श्रेणी का साहस-ऐसे साहस के लिए कर्तव्यपरायण बनना परमावश्यक है।