Hindi, asked by debadas733, 8 months ago

साहस और शजक्त के साथ ववनम्रता हो तो बेहतर है,इस कथन पर अपनेववचार व्यक्त
कीजिए

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Answered by Anonymous
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hey mate

here is ur answer

केवल इसलिए मनुष्य नहीं कहला सकता है कि उसने मनुष्य योनि में जन्म लिया है, मनुष्य होने के लिए, मनुष्य बनने के लिए तो उसे अपनी मूल प्रवृतियों के अनुसार अपने जीवन को संचालित करना पड़ता है। मनुष्य की मूल प्रवृतियों में प्रमुख रूप से सरलता, सहजता, सच्चाई, ईमानदारी, करुणा, विनम्रता, शालीनता, मधुरता, स्नेहशीलता, कर्तव्य परायणता और सहनशीलता सेवा शामिल है। ये सभी विशेषताएं किसी भी व्यक्ति को विशेष बनाती हैं और विशेष व्यक्ति का मतलब होता है मनुष्य।

मनुष्य की सभी विशेषताओं में विनम्रता का अपना एक अलग महत्व होता है, जिस किसी भी व्यक्ति के पास विनम्रता होती है वह व्यक्ति से मनुष्य बन जाता है क्योंकि विनम्रता अपने साथ मनुष्यता को लाती है, संवेदनाओं को लाती है भावनाओं को लाती है और भावनाएं और संवेदनाएं व्यक्ति को इंसान बना देती है।

इसलिए आमतौर पर कहा जाता है कि विनम्र व्यक्ति बहुत कमजोर होता है, उसकी क्षमताएं और योग्यताएं बहुत कमजोर होती है, वह दूसरों की चापलूसी करता है, मेरी सोच इसके ठीक विपरीत है क्योंकि विनम्रता उसका आभूषण होता है।

आज व्यक्ति, घर, परिवार, समाज, देश और दुनिया केवल इसलिए खण्ड-खण्ड हो रहे हैं टुकड़ों-टुकड़ों हो रहे हैं क्योंकि वे कर्कशता से भरे हैं, अहंकार से भरे हैं, प्रतिकार से भरे हैं, नफरत से भरे हैं, क्रोध और प्रतिशोध से भरे हैं और जब ये सब दुर्गुण व्यक्ति के पास होंगे तो फिर सुख-शांति और समृद्धि व्यक्ति के मन-मस्तिष्क से दूर चली जाएगी और इन तीनों के चले जाने का मतलब होता है मनुष्यता का चले जाना ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति जो विनम्र है, उसको कभी-कभी यह लग सकता है कि विनम्र होना ठीक नहीं है क्योंकि इसका लोग नाजायज फायदा उठाते हैं, गलत अर्थ लगाते हैं और शोषण करते हैं लेकिन मैं ऐसे महानुभावों से यह निवेदन करना चाहता हूं कि आप ऐसा बिल्कुल भी मत सोचिए क्योंकि आपकी विनम्रता ही आपकी सबसे बड़ी ताकत है क्योंकि जल से अधिक विनम्र अर्थात् तरल-सरल कुछ भी नहीं होता है लेकिन यह जल ही होता है कि बड़ी-बड़ी चट्टानों को उखाड़ फेंकता है, काट देता है और उनके खुरदरेपन को चिकनेपन में बदल देता है, नए रास्ते बना लेता है और पूरी दुनिया को सुख-समृद्धि देता है।

आइए, अपनी विनम्रता से प्रेम करें क्योंकि अनजान लोगों के बीच आपकी भौतिक सम्पति आपकी पहचान तय नहीं करती है विनम्रता ही आपकी पहचान तय करती है।

hope it helps u

thanks for giving me a chance to help you

гค๔ђєץ гค๔ђєץ

Answered by Anonymous
5

Answer:

please mark me as brainliest

यह पूर्णतया सत्य है कि साहस और शक्ति के साथ विनम्रता का मेल हो तो सोने पर सोहागा होने जैसी स्थिति हो जाती है। अन्यथा विनम्रता के अभाव में व्यक्ति उद्दंड हो जाता है। वह अपनी शक्ति का दुरुपयोग करते हुए दूसरों का अहित करने लगता है। साहस और शक्ति के साथ विनम्रता का मेल श्रीराम में है जो स्वयं को ‘दास’ शब्द से संबोधित करके प्रभावित करते हैं। वे अपनी विनम्रता के कारण परशुराम की क्रोधाग्नि को शीतल जल रूपी वचन के छीटें मारकर शांत कर देते हैं।

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