Hindi, asked by gungunkushwaha199, 8 months ago

साहस और शक्ति के साथ विनम्रता भी हो तो बेहतर है राम लक्ष्मण परशुराम संवाद के आधार पर टिप्पणी लिखिए​

Answers

Answered by ratnpriyakumari05
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Explanation:

यह पूर्णतया सत्य है की साहस के साथ विनम्रता का मेल जो तो बेहतर है। विनम्रता के अभाव से व्यक्ति दुराचारि एवं उदंड बन जाता है। वह आपनी शक्ती का दुरुपयोग कर लोगों को प्रताड़ित कर उनका अहित कर्ता है ।साहस और शक्ती के साथ विनम्रता का मेल श्री राम में है जो स्वम को दास कहकर प्रभावित करतें है । श्री राम परशुराम कि क्रोधाग्नि को अपने शीतल जल रूप शब्दों से शान्त करतें हैं।

Answered by Anonymous
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उत्तर --

यह बात सत्य है कि साहस और शक्ति तभी तक अच्छे लगते हैं, जब तक कि साहसी व्यक्ति विनम्र रहे। जैसे ही शक्तिशाली व्यक्ति उदंडता करता है, या घमंड दिखाता है, या बढ़-चढ़कर बोलता है, वह बुरा लगने लगता है। परशुराम और लक्ष्मण दोनों के उदाहरण सामने हैं। परशुराम पराक्रमी हैं, किंतु उसका स्वयं को महापराक्रमी, बाल-ब्रह्मचारी, यात्रियकुल घातक कहना बुरा लगता है। जैसे-जैसे वह अपने कुठार को सुधारता है और वचन कड़े करता चला जाता है, वैसे-वैसे वह हँसी का पात्र बनता चला जाता है।

लक्ष्मण का साहस हमें भला लगता है। परंतु वह भी सीमाएँ तोड़ देता है। धीरे-धीरे वह बहुत उग्र, कठोर और उदंड हो जाता है। इस कारण सभी सभाजन उसके विरुद्ध हो जाते हैं। लक्ष्मण की उदंड शक्ति हमें खटकने लगाती है। दूसरी ओर रामचंद्र साहस और शक्ति के साथ विनम्रता का भी परिचय देते हैं। इसलिए वे सबका हृदय जीत लेते हैं।

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अधिक जानकारी

➲यह पाठ लक्ष्मण और परशुराम द्वारा रामचरितमानस में से अवतरित हैं। यह एक रोचक प्रसंग है। इन पंक्तियों को ब्रज भाषा में लिखा गया है। इसमें उपमा, रूपक, उत्प्रेक्षा, अनुप्रास आदि अलंकार विशेष रूप से प्रयोग हुए है

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