साजि चतुरंग सैन अंग मैं उमंग धारि,
सरजा सिवाजी जंग जीतन चलत है।
भूषन भनत नाद बिहद नगारन के,
नदी नद मद गैबरन के रलत है।
ऐलफैल खैलभैल खलक में गैलगैल
गजन की ठेलपैल सैल उसलत है।
तारा सो तरनि धूरिधारा में लगत जिमि,
थारा पर पारा पारावार यों हलत है what is the answer
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what is the question???
Explanation:
??
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