२) संजाल पूर्ण कीजिए ।
दिए गए गहनों के बारे में लेखक की माँ का विचार 4points
Answers
संजाल इस प्रकार होगा...
दिये गये गहनों के बारे में कोई चिंता नही। गहने फिर बन जायेंगे
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दिये गये गहनों के विषय में लेखक की माँ के विचार
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सदा ऐसे ही दिन नही रहेंगे सुख-दुख सदा लगा ही रहता है।
✎... ‘ईमानदारी की प्रतिमूर्ति’ पाठ में लेखक की माँ का विचार था, कि गहनें हमेशा संकट के समय काम आने वाली वस्तु हैं। संकट के समय उनका मोह नही करना चाहिये और संकट के समय उनकी सहायता से बुर समय का निवारण कर लेना चाहिये। अच्छा समय आने पर गहने फिर से बन जायेंगे। सुख-दुख जीवन के दो चरण हैं, जिनका आना जाना लगा रहना है।
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