संज्ञा के अंतर्गत किन किन नामों को सम्मिलित किया गया है
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संज्ञा – व्याकरण का प्रमुख अंग है , आज हम विभिन्न स्तर के विद्यार्थियों को ध्यान में रखकर यह लेख लिखने जा रहे हैं। विद्यार्थियों के कठिनाई स्तर को ध्यान में रखकर यह लेख लिखा जा रहा है , आशा करते हैं यह लेख आपके शिक्षा में योगदान दे सकेगा , आपकी ज्ञानवर्धक मे सहयोगी बन सकेगी ।
१ मोहन नौवीं कक्षा में पढ़ता है
२ नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री हैं ।
३ गीता पुस्तक पढ़ती है।
४ गंगा भारत की प्रमुख नदी है।
५ आलसी मनुष्य सदैव कष्ट पाते हैं।
Explanation:
किसी व्यक्ति , वस्तु , स्थान , प्राणी , भाव , गुण , अवस्था या क्रिया के व्यापार अथवा नाम को संज्ञा कहते हैं।
इस के तीन भेद माने गए हैं –
१ व्यक्तिवाचक संज्ञा – राकेश , गीता , मुंबई , लाल किला आदि
२ जातिवाचक संज्ञा – वकील , मानव , कर्मचारी , बालक आदि
३ भाववाचक संज्ञा – सुंदरता , सफलता , बचपना आदि
व्यक्तिवाचक संज्ञा – जिन शब्दों के माध्यम से प्राणी स्थान वस्तु आदि के नाम का बोध होता है उन्हें व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे – राम , श्याम , गंगा , यमुना , दिल्ली , मुंबई , कैलाश , महीना , त्यौहार आदि।
अन्य उदाहरण
व्यक्तियों के नाम – नरेंद्र , सुरेंद्र , गीता , सीता , मोहन , राधा आदि
स्थानों के नाम – दिल्ली, मुंबई , पटना , लंदन , अमेरिका , फ्रांस आदि
पुस्तक के नाम – गीता , रामायण , गोदान , पंचतंत्र , अकबर बीरबल आदि
पर्वत पहाड़ों के नाम – कैलाश, हिमालय , रॉकी , आदि
नदियों तथा समुद्रों के नाम – गंगा , यमुना , कावेरी , सतलुज , प्रशांत महासागर आदि
दिन महीने तथा त्योहार के नाम – होली, दीपावली , सावन , भादो , सोमवार , रविवार आदि
उपर्युक्त दिए गए उदाहरण व्यक्तिवाचक संज्ञा के सर्वोत्तम उदाहरण है जिसे आप पढ़ कर आसानी से समझ सकते हैं।
जातिवाचक संज्ञा – Jaati vaachak sangya
जातिवाचक संज्ञा – जिन शब्दों से किसी एक व्यक्ति , वस्तु अथवा स्थान का बोध ना होकर , अपितु पूरे जाति अथवा समूह का बोध हो , वहां जातिवाचक संज्ञा माना जाता है।
जैसे – इमारत , विद्यार्थी , नेता , अध्यापक , केला , गाय आदि।
फल के नाम – अंगूर , सेब , केला , आम , संतरा आदि
फूलों के नाम – बेला , चमेली , गुलाब , गेंदा आदि
सब्जियों के नाम – मटर , गोभी , टमाटर , आलू , प्याज आदि
व्यक्तियों के नाम – अध्यापक , वकील , पुलिस , कलेक्टर आदि
भाववाचक संज्ञा – Bhav vaachak sangya
भाववाचक संज्ञा – व्यक्ति , वस्तु अथवा स्थान के गुण – दोष , अवस्था , दशा , धर्म , आदि का बोध होता हो वहां भाववाचक संज्ञा माना जाता है।
जैसे – दया , क्रोध , बुढ़ापा , बचपना आदि।
गुण – दोष का वर्गीकरण – मित्रता , शत्रुता , प्रेम , बंधुत्व , इमानदारी आदि
अवस्था का वर्गीकरण – बचपना , जवानी , प्रभुता , परायापन आदि