संज्ञा की परिभाषा लिखिए उसके प्रकारों को उदाहरण सहित समझाइए
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संज्ञा की परिभाषा
संज्ञा किसी व्यक्ति ( प्राणी ) वस्तु , स्थान , अथवा भाव आदि के नाम को संज्ञा कहते है। दूसरे शब्दों में इस सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में हमारे चारों ओर जो कुछ भी हमें दिखाई देता है अथवा जिसका मन से अनुभव किया जाता है, उन सभी पदार्थों के नाम को ही संज्ञा कहते हैं। संज्ञा सार्थक शब्दों के आठ प्रकारों में एक है। हिंदी व्याकरण में संज्ञा एक विकारी शब्द है।
जैसे – पुस्तक, राम, कलम, मेज, कुर्सी, पंखा, जम्मू, केला इत्यादि।
संज्ञा के प्रकार
संज्ञा के तीन प्रकार होते हैं :-
1. व्यक्तिवाचक संज्ञा
2. जातिवाचक संज्ञा
3. भाववाचक संज्ञा
1. व्यक्तिवाचक संज्ञा (proper noun in Hindi ) :-
जो संज्ञा शब्द किसी एक व्यक्ति, वस्तु या स्थान के नाम को प्रकट करता है, उसमें व्यक्तिवाचक संज्ञा मानी जाती है।
● अमित – व्यक्ति का नाम है
● सोनिया – व्यक्ति का नाम है
● तखत – बैठक का स्थान है लेकिन एक नाम बोध हो रहा है, इसलिए यह व्यक्तिवाचक संज्ञा है।
● साइकिल – यातायात का एक साधन है लेकिन नाम को सूचित कर रहा है, इसलिए यह व्यक्तिवाचक संज्ञा है।
● रेलगाड़ी – यातायात का एक साधन है, लेकिन नाम को सूचित कर रहा है, इसलिए यह व्यक्तिवाचक संज्ञा है।
● मनाली – एक शहर है, इसलिए यह व्यक्तिवाचक संज्ञा है।
2. जातिवाचक संज्ञा (common noun in Hindi) :-
जो संज्ञा शब्द अपनी संपूर्ण जाति, वर्ग या समूह के नाम को प्रकट करते है, उनमें जातिवाचक संज्ञा मानी जाती है। दूसरे शब्दों में जो शब्द संज्ञा किसी जाति, का बोध करवाता है, उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे – लड़का, लड़की, नदी, पर्वत आदि।
जातिवाचक संज्ञा के प्रकार :-
जातिवाचक संज्ञा दो प्रकार की होती है :-
1. द्रव्यवाचक संज्ञा
2. समूह वाचक संज्ञा
द्रव्यवाचक संज्ञा (material noun in Hindi) :-
जिस संज्ञा शब्दों से किसी धातु, द्रव्य, सामग्री, पदार्थ आदि का बोध होता हो उसे द्रव्यवाचक संज्ञा कहते है। उदाहरण के लिए :-
● रोटी – खाने की सामाग्री है।
● दही – खाने की सामाग्री है।
● समोसा – खाने की सामाग्री है।
● सोना – आभूषण के लिए एक पदार्थ और धातु भी है।
● चांदी – आभूषण के लिए एक पदार्थ और धातु भी है।
● लोहा – एक धातु है।
समूह वाचक संज्ञा या समुच्चयवाचक संज्ञा (collective noun in Hindi) :-
जिन संज्ञा शब्दों से किसी एक व्यक्ति का बोध न होकर पुरे समूह या समाज का बोध हो तो वह समूह वाचक संज्ञा कहलाता है। उदाहरण के लिए :-
● सेना – सेना में कई सैनिक इसलिये यह एक समूह वाचक संज्ञा है।
● पुलिस – पुलिस भी एक समूह की ओर इंगित करती है।
● पुस्तकालय – पुस्तकालय अनेक पुस्तकों का समूह है।
● दल – अनेक लोगों से मिलकर बनता है।
● ऐसे ही और उदाहरण समिति, आयोग, परिवार, भीड़, जंगल आदि।
3. भाववाचक संज्ञा (Abstract noun in Hindi) :-
ऐसे संज्ञा शब्द जिनको प्रत्यक्ष रूप से तो नही देखा जा सकता किन्तु अप्रत्यक्ष (मन) रूप से अनुभव किया जाता है, उन सब पदार्थों के नाम को भाववाचक संज्ञा कहते हैं। जिन संज्ञा शब्दों से पदार्थों की अवस्था, गुण, दोष, धर्म, दशा, आदि का बोध हो वह भाववाचक संज्ञा कहलाता है। उदाहरण के लिए :-
● जवानी – जवानी जीवन की एक अवस्था है।
● मिठास – मिठास एक गुण है।
● मोटापा – मोटापा एक अवस्था है।
● इसी प्रकार अन्य उदाहरण क्रोध, हर्ष, यौवन, बचपन आदि।
Answer:
संज्ञा किसी व्यक्ति ( प्राणी ) वस्तु , स्थान , अथवा भाव आदि के नाम को संज्ञा कहते है।
जैसे – पुस्तक, राम, कलम, मेज, कुर्सी, पंखा, जम्मू, केला इत्यादि।
संज्ञा के प्रकार
संज्ञा के तीन प्रकार होते हैं :-
1. व्यक्तिवाचक संज्ञा
2. जातिवाचक संज्ञा
3. भाववाचक संज्ञा
• व्यक्तिवाचक संज्ञा
जो संज्ञा शब्द किसी एक व्यक्ति, वस्तु या स्थान के नाम को प्रकट करता है, उसमें व्यक्तिवाचक संज्ञा मानी जाती है।
● अमित – व्यक्ति का नाम है
• जातिवाचक संज्ञा
जो संज्ञा शब्द अपनी संपूर्ण जाति, वर्ग या समूह के नाम को प्रकट करते है, उनमें जातिवाचक संज्ञा मानी जाती है। दूसरे शब्दों में जो शब्द संज्ञा किसी जाति, का बोध करवाता है, उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे – लड़का, लड़की, नदी, पर्वत आदि।
जातिवाचक संज्ञा के प्रकार :-
जातिवाचक संज्ञा दो प्रकार की होती है :-
1. द्रव्यवाचक संज्ञा
2. समूह वाचक संज्ञा
• भाववाचक संज्ञा
ऐसे संज्ञा शब्द जिनको प्रत्यक्ष रूप से तो नही देखा जा सकता किन्तु अप्रत्यक्ष (मन) रूप से अनुभव किया जाता है, उन सब पदार्थों के नाम को भाववाचक संज्ञा कहते हैं। जिन संज्ञा शब्दों से पदार्थों की अवस्था, गुण, दोष, धर्म, दशा, आदि का बोध हो वह भाववाचक संज्ञा कहलाता है। उदाहरण के लिए :-
● जवानी – जवानी जीवन की एक अवस्था है।
● मिठास – मिठास एक गुण है।
● मोटापा – मोटापा एक अवस्था है।
● इसी प्रकार अन्य उदाहरण क्रोध, हर्ष, यौवन, बचपन आदि।