संज्ञा किसे कहते हैं? उसके कितने भेद हैं?
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संज्ञा मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती है. व्यक्तिवाचक संज्ञा. जातिवाचक संज्ञा और भाववाचक संज्ञा यह तीन प्रकार संज्ञा के होते हैं. लेकिन अंग्रेजी का प्रचलन ज्यादा होने के कारण और अंग्रेजी के प्रभाव के कारण जातिवाचक संज्ञा में दो और संज्ञाएं मिलाई गई है.
किसी व्यक्ति, पशु-पक्षी, वस्तु, गुण, भाव, अवस्था के नाम को संज्ञा कहते हैं।
संज्ञा के कुल पाँच भेद हैं ।
1️⃣ व्यक्तिवाचक संज्ञा
किसी विशेष व्यक्ति, प्राणी, वस्तु या स्थान आदि के नाम को व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं।
कुछ उदाहरण - ताजमहल, हिमालय, महाभारत, भारत, गंगा, मदर टेरेसा आदि।
2️⃣ जातिवाचक संज्ञा
जिस संज्ञा से उसके पूरे वर्ग या जाति का बोध होता है, उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं।
कुछ उदाहरण - देश, नेता, पक्षी, फूल, बच्चे, मकान, गाय, गाँव आदि।
3️⃣ भाववाचक संज्ञा
जिस संज्ञा से किसी प्राणी या वस्तु के किसी गुण, भाव या दशा (अवस्था) का बोध होता हो, उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं।
कुछ उदाहरण -
- हम बचपन को याद करते हैं।
- शिक्षक ने छात्र की प्रशंसा की।
- लेखक को अपनी पुस्तक से प्रेम है।
4️⃣ समूहवाचक संज्ञा
जिस संज्ञा शब्द से एक ही जाति के व्यक्ति या व्स्तुओं के समूह का बोध होता है, उसे समूहवाचक संज्ञा कहते हैं।
कुछ उदाहरण -
- यह पशुओं का झुंड है।
- चींटियाँ परिवार में रहती हैं।
- यह अंगूर का गुच्छा है।
5️⃣ द्रव्यवाचक संज्ञा
जिस संज्ञा शब्द से धातु, द्रव्य या पदार्थ का बोध होता है, उसे द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं।
कुछ उदाहरण -
- यह अंगुठी सोने की है।
- दो किलो चावल बचा हैं।
- सरसों का तेल कितने रूपये किलो है?