Hindi, asked by Gulabsori23, 5 months ago

सृजन है अधूरा अगर विश्वभर में
मनुजता नहीं पूर्ण तब तक बनेगी
कहीं भी किसी द्वार पर है उदासी,
कि जब तक लहू के लिए भूमि प्यास
चलेगा सदा नाश का खेल यूँ ही
भले ही दीवाली यहाँ रोज़ आए।
जलाओ दीये पर रहे ध्यान इतना
अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाए। ANS

Answers

Answered by sangamsharda2004
0

Answer:

be kind to everyone and will not this the world changing a positive manner

Answered by ryadav889999gmail
0

Explanation:

सृजन है अधूरा अगर विश्वभर में

मनुजता नहीं पूर्ण तब तक बनेगी

कहीं भी किसी द्वार पर है उदासी,

कि जब तक लहू के लिए भूमि प्यास

चलेगा सदा नाश का खेल यूँ ही

भले ही दीवाली यहाँ रोज़ आए।

जलाओ दीये पर रहे ध्यान इतना

अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाए। ANS

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