सृजनात्मक अभिव्यक्ति
आपके द्वारा की गयी किसी यात्रा की बात डायरी में लिखिए।
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Explanation:
डायरी सिर्फ ऐसे ही निजी सत्यों को शब्द देने का ज़रिया हो, जिनकी जिंदगी और रूप में अभिव्यक्ति वर्जित है। वह एक तरह का व्यक्तिगत दस्तावेज़ भी है, जिसमें अपने जीवन के खास क्षणों, किसी समय विशेष में मन के अंदर कौंध जानेवाले विचारों, यादगार मुलाकातों और बहस-मुबाहिसों को हम दर्ज कर लेते हैं। अपनी कई तरह की स्मृतियों को हम कैमरे की मदद से भी रिकॉर्ड करते हैं, पर खुद अपना पाठ तैयार करना और जो कुछ घटित हुआ, सबकी कहानी कहना एक ऐसा तरीका है, जो हमें आनेवाले दिनों में उन लम्हों को दुबारा जीने का मौका देता है। आज की तेज़ रफ़्तार जिंदगी में यह तरीका सचमुच नायाब है। जिंदगी की तेज़ रफ़्तार में इस बात की आशंका हमेशा बनी रहती है कि सतही और फ़ौरी किस्म की चिंताओं के अनवरत मामलों के बीच गहरे आशय वाली घटनाओं और वैचारिक उत्तेजनाओं को हम भूल जाएँ।
डायरी हमें भूलने से बचाती है। यात्राओं के दौरान डायरीलिखना तो बहुत ही उपयोगी साबित होता है। एक लंबे सफ़र का वृत्तांत अगर आप सफ़र से लौट कर लिखना चाहें, तो शायद पूरे अनुभव का दो-तिहाई हिस्सा ही बच-बचा कर शब्दों में उतर पाएगा, लेकिन अगर आपने सफ़र के दरम्यान प्रतिदिन अपनी डायरी लिखी है, तो अपने तजुर्बे को लगभग मुकम्मल तौर पर दुहरा पाना आपके लिए संभव होगा। डायरी लिखना अपने साथ एक अच्छी दोस्ती कायम करने का बेहतरीन ज़रिया है। डायरी लेखन में निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए।