Hindi, asked by sidakbhatia930628, 5 hours ago

सृजनात्मक कार्य
सूरज चांदका चित्र मानसूर औरचोदर सपष्टडी in hindiसूरज और चांद में अंतर स्पष्ट करो लिखो क्लास सिक्स हिंदी ​

Answers

Answered by uy6953751
1

Answer:

चाँद सदियों से कवियों, शायरों, गीतकारों, चित्रकारों, प्रेमियों, यहां तक कि आध्यात्मिकता की राह के राहगीरों को भी प्रेरणा देता रहा है। यूं तो उसकी रोशनी भी अपनी नहीं है, लेकिन देने के मामले में उसने कभी कृपणता नहीं दिखाई। चांद न केवल प्रेरणा देता रहा है, बल्कि सदा से यह कौतूहल और आकर्षण का केन्द्र भी रहा है। इस धरती पर शायद ही कोई ऐसी संस्कृति होगी, कला की शायद ही कोई ऐसी विधा होगी, सभ्यता का शायद ही ऐसा कोई प्रतिमान होगा, जहां चांद की झलक न मिले। मिले भी क्यों नहीं, जब रात के वक्त सूर्य अपनी समस्त किरणों को समेट आसमान खाली कर चुका होता है, चांद ही होता है जो पूरी प्रकृति में न केवल सबसे आकर्षक होता है, बल्कि अपनी उपस्थिति से पूरी प्रकृति को खूबसूरत और मनमोहक बना देता है।

कल्पना कीजिए उस दौर की जब इस पृथ्वी पर बिजली नहीं थी, किसी भी इंसान के लिए तब क्या संभव हो पाता आसमान की इस सबसे खूबसूरत हस्ती को अनदेखा कर पाना? और जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता, उसे जानना बेहद जरुरी हो जाता है। इसी वजह से इस आकाशीय पिंड ने हमेशा से इंसानी दिमाग में कौतूहल जगाया है। और इसी कौतूहल ने इंसान को चांद तक पहुंचा भी दिया। चंद्रमा की खूबसूरती और उसका प्रभाव इसलिए भी अधिक है, क्योंकि वह हर दिन एक सा नहीं होता। उसका हर रूप जिसे उसकी कला कहते हैं, अलग-अलग प्रभाव डालता है - यह प्रभाव भौतिक और अभौतिक दोनों सृष्टि पर अलग तरह का होता है। भौतिक सृष्टि पर इसके प्रभाव का अध्ययन वैज्ञानिकों और ज्योतिषियों के अध्ययन का क्षेत्र रहा है, तो अभौतिक सृष्टि पर इसके प्रभाव को समझने की कोशिश दार्शनिकों, दिव्यदर्शियों और पराविद्या में रुचि रखने वा

Similar questions