साझेदारी की निवृत्ति से क्या आशय है
Answers
- एक साथी अपनी उम्र, उसके खराब स्वास्थ्य, किसी व्यवसाय के फर्म के स्वभाव में परिवर्तन आदि जैसे कारणों के कारण फर्म से रिटायर होने या वापस लेने का फैसला कर सकता है।
- विल में साझेदारी के मामले में, एक साथी किसी भी समय रिटायर हो सकता है। सेवानिवृत्ति एक फर्म के पुनर्गठन के लिए राशि है जहां भागीदारों की संख्या, उनके पूंजी योगदान अनुपात और भी लाभ साझा अनुपात में परिवर्तन । रिटायर होने वाले पार्टनर को अपने हिस्से की पूंजी, सद्भावना और पुनर्मूल्यांकन लाभ या हानि का भुगतान किया जाता है ।
- एक साथी रिटायर हो सकता है -
- अन्य सभी भागीदारों की सहमति से,
- भागीदारों द्वारा एक एक्सप्रेस समझौते के अनुसार,
- जहां साझेदारी होगी, उसके रिटायर होने के इरादे के अन्य सभी भागीदारों को लिखित में नोटिस देकर ।
➲ ‘साझेदारी निवृत्ति’ से आशय उस प्रक्रिया से है, जब किसी फर्म में कोई साझेदार अपनी उस फर्म से अपनी हिस्सेदारी का त्याग करता है।
व्याख्या ⦂
✎... ‘साझेदारी निवृत्ति’ किसी फर्म से किसी साझेदार द्वारा अपनी हिस्सेदारी स्वेच्छा अथवा किसी अपरिर्हाय कारणों से त्यागने की एक प्रक्रिया है। यह प्रक्रिया भारतीय साझेदारी अधिनियम 1920 की धारा 32 (1) के अनुसार की जा सकती है। इसके निम्नलिखित कारण हो सकते हैं...
- फर्म के सभी साझेदारों की पारस्परिक सहमति के माध्यम से।
- सभी साझेदारों के आपसी समझौते के माध्यम से।
- अपनी संबंधित फर्म को अवकाश ग्रहण करने की सूचना देखकर ऐच्छिक साझेदारी के माध्यम से।
साझेदारी में किसी साझेदारी की साझेदारी निवृत्ति होने के तात्पर्य ये नही होता कि उस फर्म का समापन हो गया है। वो फर्म यथावत बनी रहती है और पृथक होने वाले साझेदार के स्थान पर कोई नया साझेदार आ सकता है, अथवा पृथक होने वाले साझेदारी की हिस्सेदारी शेष बचे साझेदारों में बंट जाती है, इसके साथ ही पृथक होने वाले साझेदारी की हिस्सेदारी का लाभ/हानि अनुपात का मूल्यांकन करके उसके अनुसार उसका भुगतान कर दिया जाता है, और उसकी हिस्सेदारी पर बाकी साझेदारी को अधिकार हो जाता है।
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