सिकिम पर कविता
plz answer this question
Thank you :)
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Answer:
हिमालय के ऊँचे अटाले पर
दिपदिपाता गंगटोक,
छांगू में बर्फ की छत पर
सिमराती है धूप,
बौद्ध शान्ति की अनुगूँज में
लिपटा है रूमटेक
उनींदा रंगपोह हड़बड़ाकर उठता है
देखते ही टूरिस्ट टैक्सी ।
तिस्ता बदलती है कई रास्ते
सिक्किम कई चेहरे ।
Explanation:
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हिम पर्वत पर मिलने वाला,
हिम पर्वत पर मिलने वाला,फूल बड़े मतवाले।
हिम पर्वत पर मिलने वाला,फूल बड़े मतवाले।छोटी झाड़ी से पौधे तक,
हिम पर्वत पर मिलने वाला,फूल बड़े मतवाले।छोटी झाड़ी से पौधे तक,इसके रूप निराले।।
हिम पर्वत पर मिलने वाला,फूल बड़े मतवाले।छोटी झाड़ी से पौधे तक,इसके रूप निराले।।छह हजार मीटर ऊंचाई,
हिम पर्वत पर मिलने वाला,फूल बड़े मतवाले।छोटी झाड़ी से पौधे तक,इसके रूप निराले।।छह हजार मीटर ऊंचाई,तक यह पाया जाता।
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