संक्रमण तत्वों के उत्प्रेरक गुण की व्याख्या कीजिए।
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उत्प्रेरकों का प्रयोग प्रायः सूक्ष्म विभाजित रूप में किया जाता है क्योंकि ऐसा करने से सतह पर उपलब्ध मुक्त संयोजकता की संख्या में वृद्धि होती है। अतः संक्रमण तत्व अभिक्रिया के लिए उपयुक्त सतह उपलब्ध करते हैं। उत्प्रेरक की सतह पर जहाँ अभिक्रिया होती है वहाँ अभिकारकों का अधिशोषण हो जाता है।
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संक्रमण धातुएं मुख्य रूप से रिक्त d कक्षकों की उपस्थिति के कारण उत्प्रेरक व्यवहार प्रदर्शित करती हैं
संक्रमण तत्वों के उत्प्रेरक गुण की व्याख्या:-
- उनमें परिवर्तनशील संयोजकता प्रदर्शित करने की क्षमता होती है।
- इनमें जटिल यौगिक बनाने की प्रवृत्ति होती है।
- पहली पंक्ति के संक्रमण तत्व अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों की उपस्थिति के कारण उत्प्रेरक गुण प्रदर्शित करते हैं जो परिसरों का निर्माण कर सकते हैं।
- आयरन और वैनेडियम सबसे महत्वपूर्ण उत्प्रेरक हैं।
- लोहे का उपयोग अमोनिया के निर्माण में उत्प्रेरक के रूप में किया जाता है।
- वैनेडियम का उपयोग सल्फ्यूरिक एसिड के निर्माण में वैनेडियम पेंटोक्साइड के रूप में किया जाता है।
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