Economy, asked by UtkarshJha2232, 1 month ago

सूक्ष्म अर्थशास्त्राची व्याप्ती अमर्यादित आहे चूक की बरोबर ते सांगा

Answers

Answered by harnoorkaur587
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Answer:

अर्थशास्त्र सामाजिक विज्ञान की वह शाखा है, जिसके अन्तर्गत वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, वितरण, विनिमय और उपभोग का अध्ययन किया जाता है। 'अर्थशास्त्र' शब्द संस्कृत शब्दों अर्थ (धन) और शास्त्र की संधि से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ है - 'धन का अध्ययन'। किसी विषय के संबंध में मनुष्यों के कार्यो के क्रमबद्ध ज्ञान को उस विषय का शास्त्र कहते हैं, इसलिए अर्थशास्त्र में मनुष्यों के अर्थसंबंधी कार्यों का क्रमबद्ध ज्ञान होना आवश्यक है।

विश्व के विभिन्न देशों की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर (सन २०१४)

अर्थशास्त्र का प्रयोग यह समझने के लिये भी किया जाता है कि अर्थव्यवस्था किस तरह से कार्य करती है और समाज में विभिन्न वर्गों का आर्थिक सम्बन्ध कैसा है। अर्थशास्त्रीय विवेचना का प्रयोग समाज से सम्बन्धित विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है, जैसे:- अपराध, शिक्षा, परिवार, स्वास्थ्य, कानून, राजनीति, धर्म, सामाजिक संस्थान और युद्ध इत्यदि।[1]

प्रो. सैम्यूलसन के अनुसार,

अर्थशास्त्र कला समूह में प्राचीनतम तथा विज्ञान समूह में नवीनतम वस्तुतः सभी सामाजिक विज्ञानों की रानी है।

किसी अर्थव्यवस्gथा में धन (मनी) के चक्रण का मैक्रोएकनॉमिक मॉडल

Answered by sanjeevk28012
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मायक्रोइकॉनॉमिक्सची व्याप्ती

स्पष्टीकरण

  • हे खरे आहे की सूक्ष्म अर्थशास्त्राची व्याप्ती अमर्यादित आहे कारण सूक्ष्म अर्थशास्त्र हे व्यक्तीच्या वागणुकीचा आणि अर्थव्यवस्थेमधील त्यांच्या निर्णयाचा अभ्यास आहे.
  • वस्तू आणि सेवांच्या उत्पादनात अर्थव्यवस्था गुंतलेली आहे.
  • मायक्रोइकॉनॉमिक्सला मर्यादित व्याप्ती आहे कारण ती अनेक महत्त्वाची आर्थिक धोरणे आणि वित्तीय धोरण, चलनविषयक धोरण, चलनवाढ, बेरोजगारी इत्यादी समस्यांचा अभ्यास करू शकत नाही जे अर्थव्यवस्थेत अतिशय महत्त्वाच्या आहेत.
  • सूक्ष्म अर्थशास्त्राची व्याप्ती केवळ वैयक्तिक युनिट्सपुरती मर्यादित आहे. महागाई, चलनवाढ, यासारख्या देशव्यापी आर्थिक समस्यांना सामोरे जावे लागत नाही.
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