संक्षेप में उत्तर लिखिए-
क. सूर्य तारा होने पर भी बहुत प्रकाशवान क्यों है?
ख. यूनानी निरीक्षकों ने ग्रहों को 'प्लेनेट' क्यों कहा?
ग. योहान केप्लर ने क्या सिद्ध किया?
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Answer:
( 1 ) (केप्लर 2) प्रकाशभित्ति से ग्रहीय candidate पाया गया था क्योंकि यह स्थाई नहीं था जो कि पृथ्वी पर तारा एवं प्रेक्षक के बीच आने वाला ग्रहीय पिंड है क्योंकि यह तारे के चारों ओर परिक्रमा करता है और इसलिए यह तारे के मंद प्रकाश को बाधित कर देता है।
( 2 ) यूनानी निरीक्षकों ने ग्रहों को प्लेनेट यानी घुमक्कड़ कहा है क्योंकि इनकी गति में अनियमितता दिखाई दी। ... ग्रह और तारों को अन्तर स्पष्ट हो चुका है। सूर्य के चारों ओर घूमने वाले ग्रह तारों की अपेक्षा हमारे काफी निकट हैं, परन्तु तारों की भाँति स्वयं प्रकाशित न होने के कारण दूसरे तारों के ग्रहों को देखना मुश्किल है।
( 3 ) इस विस्तृत आंकड़ों से, केप्लर ने ग्रहों की गति के सिद्धांत को तैयार किया। ... एक ग्रह जो सूर्य से बहुत दूर है, उस ग्रह की तुलना में अधिक क्रांति होगी, जो कि सूर्य के करीब है, लेकिन स्क्वायर अवधि का अनुपात और क्यूबेड औसत दूरी एक समान है। (क्रांति अवधि) 2 / (सूर्य से औसत दूरी) 3 प्रत्येक ग्रह के लिए समान है।