संक्षिप्त में टिप्पणी लिखिए
(1) प्रकाशकालिता
(2) बसन्तीकरण।
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टिप्पणी...
1) प्रकाशकालिता ➲ प्रकाशकालिता से तात्पर्य पौधे की दिन और रात्रि के अपेक्षित लंबाई के अनुसार अनुक्रिया से है। उदाहरण के लिए पौधे में पुष्प बनने की क्रिया।
प्रकाशकालिता प्रकाशी उत्क्रमणीय वर्णक फाइटोक्रोम द्वारा नियंत्रित की जाती है। प्रकाशकालिता का बागवानी तथा कृषि के कार्यों में बेहद महत्व है। प्रकाश की अवधि को नियंत्रित करके किसी भी पौधे में किसी भी समय पुष्पन कराया जा सकता है। इस तरह एक साल में केवल एक बार फल देने वाले पौधे से दो बार फल प्राप्त किया जा सकता है। इस तरह कृत्रिम रूप से प्रकाश की अवधि को नियंत्रित करके बिना मौसम के भी फल प्राप्त किए जा सकते हैं।
2) वसंतीकरण ➲ पुष्पीकरण को प्रभावित करने के लिए बीजों या पौधों को ठंडे स्थान में रखने की प्रक्रिया को बसंतीकरण कहते हैं। बसंती करण की प्रक्रिया में बीज या पौधों को उच्च ताप पर रखे जाने पर बसंतीकरण के द्वारा शीत पादपों को वसंत पादपों में बदला जा सकता है और फसलों को प्राकृतिक कुप्रभाव से बचाया जा सकता है। बसंती करण द्वारा पौधों में पुष्पन कराया जा सकता है और इसकी सहायता से फसल को जल्दी से प्राप्त किया जा सकता है।