Hindi, asked by sudhanshupathak450, 8 months ago

'साक्षरता हैं लक्ष्य हमारा' कविता के माध्यम से अपने विचार vyakt kijiye​

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Answered by duttvikram1210
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साक्षरता का अर्थ है साक्षर होना अर्थात पढने और लिखने की क्षमता से संपन्न होना। अलग अलग देशों में साक्षरता के अलग अलग मानक हैं। भारत में राष्ट्रीय साक्षरता मिशन के अनुसार अगर कोई व्यक्ति अपना नाम लिखने और पढने की योग्यता हासिल कर लेता है तो उसे साक्षर माना जाता है|

किसी देश अथवा राज्य की साक्षरता दर वहाँ के कुल लोगों की जनसँख्या व पढ़े लिखे लोगों के अनुपात को कहा जाता है। अधिकाँश यह प्रतिशत में दर्शाया जाता है। परन्तु कभी कभी इसे प्रति-कोटि (हर हज़ार पर) भी दिखाया जाता है|जब से भारत ने शिक्षा का अधिकार लागू किया है, तब से भारत की साक्षरता दर बहुत अधिक बढ़ी है। केरल हिमाचल, मिजोरम, तमिल नाडू एवं राजस्थान में हुए विशाल बदलावों ने इन राज्यों की काया पलट कर दी एवं लगभग सभी बच्चों को अब वहाँ शिक्षा प्रदान की जाती है। बिहार में शिक्षा सबसे बड़ी समस्या है जिस से सरकार जूझ रही है। वहाँ गरीबी की दर इतनी अधिक है कि लोग जीवन की मूल-भूत आवश्यकताएं जैसे रोटी कपडा और मकान का भी जुगाड़ नहीं कर पाते| वे किताबों का खर्च नहीं उठा पाते|

साक्षरता का अर्थ है साक्षर होना अर्थात पढने और लिखने की क्षमता से संपन्न होना। अलग अलग देशों में साक्षरता के अलग अलग मानक हैं। भारत में राष्ट्रीय साक्षरता मिशन के अनुसार अगर कोई व्यक्ति अपना नाम लिखने और पढने की योग्यता हासिल कर लेता है तो उसे साक्षर माना जाता है|किसी देश अथवा राज्य की साक्षरता दर वहाँ के कुल लोगों की जनसँख्या व पढ़े लिखे लोगों के अनुपात को कहा जाता है। अधिकाँश यह प्रतिशत में दर्शाया जाता है। परन्तु कभी कभी इसे प्रति-कोटि (हर हज़ार पर) भी दिखाया जाता है|जब से भारत ने शिक्षा का अधिकार लागू किया है, तब से भारत की साक्षरता दर बहुत अधिक बढ़ी है। केरल हिमाचल, मिजोरम, तमिल नाडू एवं राजस्थान में हुए विशाल बदलावों ने इन राज्यों की काया पलट कर दी एवं लगभग सभी बच्चों को अब वहाँ शिक्षा प्रदान की जाती है। बिहार में शिक्षा सबसे बड़ी समस्या है जिस से सरकार जूझ रही है। वहाँ गरीबी की दर इतनी अधिक है कि लोग जीवन की मूल-भूत आवश्यकताएं जैसे रोटी कपडा और मकान का भी जुगाड़ नहीं कर पाते| वे किताबों का खर्च नहीं उठा पाते|साक्षर कौन हैं?

साक्षरता का अर्थ है साक्षर होना अर्थात पढने और लिखने की क्षमता से संपन्न होना। अलग अलग देशों में साक्षरता के अलग अलग मानक हैं। भारत में राष्ट्रीय साक्षरता मिशन के अनुसार अगर कोई व्यक्ति अपना नाम लिखने और पढने की योग्यता हासिल कर लेता है तो उसे साक्षर माना जाता है|किसी देश अथवा राज्य की साक्षरता दर वहाँ के कुल लोगों की जनसँख्या व पढ़े लिखे लोगों के अनुपात को कहा जाता है। अधिकाँश यह प्रतिशत में दर्शाया जाता है। परन्तु कभी कभी इसे प्रति-कोटि (हर हज़ार पर) भी दिखाया जाता है|जब से भारत ने शिक्षा का अधिकार लागू किया है, तब से भारत की साक्षरता दर बहुत अधिक बढ़ी है। केरल हिमाचल, मिजोरम, तमिल नाडू एवं राजस्थान में हुए विशाल बदलावों ने इन राज्यों की काया पलट कर दी एवं लगभग सभी बच्चों को अब वहाँ शिक्षा प्रदान की जाती है। बिहार में शिक्षा सबसे बड़ी समस्या है जिस से सरकार जूझ रही है। वहाँ गरीबी की दर इतनी अधिक है कि लोग जीवन की मूल-भूत आवश्यकताएं जैसे रोटी कपडा और मकान का भी जुगाड़ नहीं कर पाते| वे किताबों का खर्च नहीं उठा पाते|साक्षर कौन हैं?भारतीय नियम के अनुसार इस सूत्र में जो उन लोगों को भी शिक्षित गिना जाता है जो अपने हस्ताक्षर कर सकते हैं तथा पैसे का हिसाब किताब करना जानते हैं अथवा समझ सकते हैं अथवा दोनों।

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