साक्षरता का महत्व एसे
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साक्षर– भारत में किसी भी व्यक्ति को साक्षर तब कहा जाता है जब वह अपना नाम लिख और पढ़ सके। उसे पैसों का हिसाब किताब करना अथवा समझना आता है।
साक्षरता के लिए उठाए गए कदम- भारतीय सरकार ने साक्षरता दर को बढ़ाने और लोगों को साक्षर बनाने के लिए बहुत से प्रयास किए है। इसके लिए राष्ट्रीय साक्षरता मिशन आदि चलाए गए थे। शिक्षा के अधिकार के लागु होने के बाद से साक्षरता दर में वृद्धि हुई है और लोगों को शिक्षा की तरफ बढ़ावा दिया है।
आधुनिक युग में साक्षरता दर- आज के समय में भारत ने बहुत से राज्यों में पूर्ण रूप से साक्षरता दर को प्राप्त कर लिया है। केरल राज्य का साक्षरता दर सबसे ज्यादा है।
निष्कर्ष- साक्षरता की परिभाषा हर देश में अलग है। साक्षरता से ही हर व्यक्ति के जीवन का उदार होता है। हम सबको साक्षरता के हित में कदम उठाने चाहिए और देश को पूर्ण रूप से साक्षर बनाना चाहिए। साक्षरता से ही व्यक्ति अपने अधिकारों साक्षर व्यक्ति को अंधविश्वासों से भी मुक्ति मिलती है। शोषण होने से रोक सकता है और प्रगति के पथ पर अग्रसर हो सकता है।