संकेत बिंदुओं के आधार पर लघु कथा लिखिए : संकेत - ( आश्रम, नटखट शिष्य, दीवार फादना, उसके गुरु जी यह बात जानते थे, दीवार पर सीडी लगी दिखाई दी, नीचे उतरने में मदद, गुरु जी के प्रेम पूर्ण वचन, गलती के लिए क्षमा )
Answers
Answer:कहानी का शीर्षक "सबक"
Explanation:
एक समय की बात है। एक आश्रम में रवि नाम का एक शिष्य रहता था। वद बहुत अधिक नटखट था। वह प्रत्येक रात आश्रम की दीवार फाँदकर बाहर जाता था परन्तु उसके बाहर जाने की बात कोई नहीं जानता था।
सुबह होने से पहले लौट आया। वह सोचता था कि उसके आश्रम से घूमने की बात कोई नहीं जानता लेकिन उसके गुरुजी यह बात जानते थे। वे रवि को रंगे हाथ पकड़ना चाहते थे। एक रात हमेशा की तरह रवि सीढ़ी पर चढ़ा और दीवार फॉदकर बाहर कूद गया।
उसके जाते ही गुरुजी जाग गए। तब उन्हें दीवार पर सीढ़ी लगी दिखाई दी। कुछ घंटे बाद रवि लौट आया और अंधेरे में दीवार पर चढ़ने की कोशिश करने लगा। उस वक्त उसके गुरुजी सीढ़ी के पास ही खड़े थे। उन्होंने रवि की नीचे उतरने में मदद की और बोले, “बेटा, रात में जब तुम बाहर जाते हो तो तुम्हें अपने साथ एक गर्म साल अवश्य रखनी चाहिए।
गुरुजी के प्रेमपूर्ण वचनों का रवि पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा। उसे अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने अपनी गलती के लिए क्षमा माँगी। साथ ही उसने गुरु को ऐसी गलती दोबारा न करने का वचन भी दिया।
शिक्षा - प्रेमपूर्ण वचनों का सबक जिंदगी भर याद रहता है।
उतर :- प्राचीन काल में एक आश्रम में बहुत सारे शिष्य गुरु जी के साथ रह कर शिक्षा ग्रहण करते थे l उनमें से मुरली नामक शिष्य बहुत ही नटखट था। वह प्रत्येक रात बाकी शिष्यों तथा गुरुजी के सोने के बाद आश्रम की दीवार फाँदकर बाहर पास के गांव में अपने बाकी दोस्तों से मिलने निकल जाता था l उनके गुरुजी को यह बात पता थी, परंतु वे मुरली को रंगे हाथ पकड़ कर सबक सिखाना चाहते थे ।
एक रात जब मुरली सीढ़ी पर चढ़कर दीवार फाद कर बाहर गया तो गुरुजी की नींद खुल गई l उन्हें दीवार पर सीढ़ी लगी दिखाई दी । वह समझ गए कि मुरली आज भी बाहर गया है l वह सीढ़ी के पास बैठ कर ही मुरली का इंतजार करने लगे l कुछ समय जब मुरली लौटकर सीढ़ी से नीचे उतरा तो उन्हें गुरुजी दिखाई दिये l वह डर गया कि गुरुजी अब उसे डांटेंगे और आश्रम से निकाल देंगे l परंतु गुरुजी ने उससे शांत स्वर में प्रेमपूर्वक कहा - “बेटा, रात में जब तुम बाहर जाते हो तो ठंड बढ़ जाती है , इसलिए अपने साथ ओढने का एक कंबल ले जाया करो l " गुरुजी के मुख से ऐसे प्रेमपूर्ण वचनों को सुनकर उसकी आंखो में आंसू आ गए और वह गुरुजी के चरणों में गिर गया तथा अपनी भूल के लिए क्षमा मांगी l उसने भविष्य में कोई भी गलती ना करने की कसम खाई l आगे चलकर मुरली गुरुजी का सबसे प्रिय शिष्य बना l
शिक्षा :- इस कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि , मधुर तथा प्रेम वाणी बोलकर हम सबका मन जीत सकते है l
यह भी देखें :-
कहानी लेखन
निम्मलिखित शब्द के आधार पर कहानी लिखिये:-
स्त्री , अन्न , पत्थर ,चोरी , महात्मा न्यया
https://brainly.in/question/27955641