Hindi, asked by princejmt4518, 9 months ago

संकेत बिंदुओं पर आधारित नारी सशक्तिकरण पर अनुच्छेद लेखन

* भूमिका
* प्राचीन काल से वर्तमान काल तक नारी पर अत्याचार तत्पश्चात स्थिति में सुधार
* बाल विवाह
* विधवा विवाह
* सती प्रथा बंद
* दहेज अधिनियम
* स्त्री शिक्षा
* पुरुष और स्त्री को समानता का अधिकार
* नारी आरक्षण
* घरेलू हिंसा अधिनियम
* निष्कर्ष ​

Answers

Answered by hiten9dav
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Explanation:

भारत में महिलाओं की स्थिति ने पिछली कुछ सदियों में कई बड़े बदलावों का सामना किया है। प्राचीन काल में पुरुषों के साथ बराबरी की स्थिति सेव लेकर मध्ययुगीन काल के निम्न स्तरीय जीवन और साथ ही कई सुधारकों द्वारा समान अधिकारों को बढ़ावा दिए जाने तक, भारत में महिलाओं का इतिहास काफी गतिशील रहा है। आधुनिक भारत में महिलाएं राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोक सभा अध्यक्ष, प्रतिपक्ष की नेता आदि जैसे शीर्ष पदों पर आसीन हुई हैं।

महिला सशक्तिकरण से तात्पर्य महिलाओं को राजनैतिक, शैक्षणिक, आर्थिक, सामाजिक स्तर पर सशक्त बनाना है। स्त्रियों को विकसित होने के समान अवसर उपलब्ध कराते हुए उन्हें स्वावलम्बी बनाना एवं अपने मौलिक अधिकारों के प्रति जागरूक करना महिला सशक्तिकरण का केन्द्रीय बिंदु है। सरल शब्दों में यदि महिला सषक्तिकरण की व्याख्या की जाये तो स्त्रियों को उनके जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में निर्णय लेने की स्वाधीनता प्राप्त हो, चाहे वह षिक्षा या रोजगार सम्बंधी निर्णय हो या विवाह से जुड़ी स्वतंत्रता। इन निर्णयों को किसी विशेषाधिकार की दृश्टि से न देखा जाकर किसी सामान्य मनुष्य को प्राप्त सामान्य व्यक्तिगत अधिकारों की भांति दृश्टिगोचर करना ही वास्तविक महिला सशक्तिकरण है।

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