Hindi, asked by dahiyashivkumar4, 1 month ago

सिकंदर की छाती दहलती थी-​

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Answered by sunitanidhalkar2
0

Answer:

sorry I don't know okkkkkkkkkkkkkkkkkkkk

Answered by ayesha7734
1

Answer:

न यह समझो कि हिन्दुस्तान की तलवार सोई है पाठ का अभ्यास

न यह समझो कि हिन्दुस्तान की तलवार सोई है बोध प्रश्न

प्रश्न 1.

निम्नलिखित शब्दों के अर्थ शब्दकोश से खोजकर लिखिए

उत्तर

दहलती = थरांती, डर के मारी काँपती; विसर्जन = त्याग करके, छोड़ करके; संवत्सर = वर्ष, सम्वतः कर हाथ; लहू = खून; नारीत्व – स्त्री की शक्ति, नारीपन; लोलुप = लालची, तेग = बड़ी तलवार, सिहरती = रोमांचित; रण= युद्ध; मुक्ति = आजादी; हुंकार = गर्जना; पुरुषत्व = पुरुष की शक्ति; चरणाघात = पैरों की चोट; क्षार = राख; रण बाँकुरी = युद्ध करने में बहुत ही तेज।

प्रश्न 2.

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में लिखिए

(क) किस भारतीय की वीरता को सुनकर सिकन्दर की छाती दहलती थी?

उत्तर

राजा पुरु की वीरता को सुनकर सिकन्दर की छाती दहलती थी।

(ख) नव संवत्सर किस राजा ने प्रारम्भ किया था ?

उत्तर

महाराज विक्रमादित्य ने नव संवत्सर प्रारम्भ किया था।

(ग) शिवाजी ने किसके विरुद्ध तलवार उठाई थी?

उत्तर

शिवाजी ने मुगल शासक औरंगजेब के विरुद्ध अपनी तलवार उठाई थी।

(घ) विश्व को शान्ति का सन्देश देने वाले किन्हीं दो महापुरुषों के नाम बताइए।

उत्तर

विश्व को शान्ति का सन्देश देने वाले दो महापुरुष स्वामी विवेकानन्द और पं. जवाहरलाल नेहरू थे।

(ङ) सिकन्दर कौन था ?

उत्तर

सिकन्दर यूनान के सिकन्दरिया का रहने वाला लुटेरा शासक था।

प्रश्न 3.

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विस्तार से लिखिए

(क) ‘तलवार सोई है’ से क्या आशय है?

उत्तर

‘तलवार सोई है’ इस कविता से यह आशय है कि देश के वीर सैनिकों ने अपनी उस तलवार को उठाकर रख दिया है, जिसे वे हिन्दुस्तान की शान, वान और मान की रक्षा के लिए हर समय उठाये रहते थे। क्या वह तलवार वास्तव में सो गई है? ऐसा नहीं है। भारत के वीर सपूतों की तलवार ने सदा ही शत्रु आक्रमणकर्ताओं का मुकाबला किया है और उन्हें भयभीत करके देश की सीमाओं से बाहर खदेड़ दिया है। सिकन्दर और बाबर दोनों ही हमारे देश पर आक्रमण करने वाले विदेशी लुटेरे थे। वीर हिन्दुस्तानी सैनिकों के रणकौशल से भयभीत होकर वे उल्टे पैर लौट पड़े। भारतीय युद्धवीरों की तलवार की आवाज से-शत्रुओं की फौजें बिखर जाती थी, अर्थात् युद्ध छोड़कर लौट पड़ती थी। वे शत्रु भय से रोमांचित होकर पीठ दिखा जाते थे। – ऐसे उन भारतीय वीरों की तलवार कभी भी सोई हुई नहीं रही है।

(ख) हर्ष इतिहास में क्यों प्रसिद्ध है ?

उत्तर

हर्षवर्द्धन ने हिन्दुस्तान की सीमाओं को सुरक्षित किया। विदेशी आक्रमणकर्ताओं-हूण, शक आदि आक्रान्ताओं को वहाँ से खदेड़ दिया। देश की प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाया और मजबूत सैनिक बल के हौसले बुलन्द किए। प्रजा पर विश्वास जमाया। देश के अन्दर शिक्षा, उद्योगों और कृषि को उन्नत बनाया। शिक्षा केन्द्रों को सहायता दी। देश में आम लोगों के सुख-समृद्धि की ओर ध्यान दिया। वे प्रति पाँचवें वर्ष प्रयोग में गंगा संगम पर अपना सर्वस्व (पूरा खजाना) विद्वानों, भिक्षुकों, गुरु-आश्रमों को दान कर जाते थे। वे बौद्ध मत में दीक्षा प्राप्त करके अहिंसा का पालन करते थे। प्रजा से कर के रूप में बहुत कम धन लेकर, उसकी कई गुना वृद्धि करके राज्य के कल्याण में सारा धन लगा देते थे। अपने महान् कार्यों के लिए हर्ष प्रसिद्ध थे।

(ग) यदि किसी ने हमारी स्वतन्त्रता छीनने का प्रयास किया, तो हम क्या करेंगे?

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