सिकंदर और पुरुराजा निहित गुणों के बारे में लिखिए ।
Answers
Answer:
राजा पुरुषोत्तम या राजा पोरस का राज्य पंजाब में झेलम से लेकर चेनाब नदी तक फैला हुआ था। वर्तमान लाहौर के आस-पास इसकी राजधानी थी।,[1] जिनका साम्राज्य पंजाब में झेलम और चिनाब नदियों तक (ग्रीक में ह्यिदस्प्स और असिस्नस) और उपनिवेश ह्यीपसिस तक फैला हुआ था।............pururaja
Explanation:
सिकंदर या अलेक्जेंडर द ग्रेट (अंग्रेज़ी: Alexander) (यूनानी: Αλέξανδρος) (356 ईपू से 323 ईपू) मकदूनियाँ, (मेसेडोनिया) का ग्रीक प्रशासक था। वह एलेक्ज़ेंडर तृतीय तथा एलेक्ज़ेंडर मेसेडोनियन नाम से भी जाना जाता है। इतिहास में वह कुशल और यशस्वी सेनापतियों में से एक माना गया है। अपनी मृत्यु तक वह उन सभी भूमि मे से लगभग आधी भूमि जीत चुका था, जिसकी जानकारी प्राचीन ग्रीक लोगों को थी (सत्य ये है की वह पृथ्वी के मात्र 5 प्रतिशत हिस्से को ही जीत पाया था)[कृपया उद्धरण जोड़ें] और उसके विजय रथ को रोकने में सबसे मुख्य भूमिका भारत के राजा पुरु (जिन्हें युनानी इतिहासकारों नें पोरस से सम्बोधित किया है)[1] और भारत के क्षेत्रीय सरदारों की थी, जिन्होंने सिकंदर की सेना में अपने पराक्रम के दम पर भारत के प्रति खौफ पैदा कर उसके हौसले पस्त कर दिये और उसे भारत से लौटने पर मजबूर कर दिया। उसने अपने कार्यकाल में इरान, सीरिया, मिस्र, मसोपोटेमिया, फिनीशिया, जुदेआ, गाझा, बॅक्ट्रिया और भारत में पंजाब( जिसके राजा पुरु थे) तक के प्रदेश पर विजय हासिल की थी परन्तु बाद में वो मगध की विशाल सेना से डर कर लौट गया। उल्लेखनीय है कि उपरोक्त क्षेत्र (गंधार और पौरव राष्ट्र नहीं) उस समय फ़ारसी साम्राज्य के अंग थे और फ़ारसी साम्राज्य सिकन्दर के अपने साम्राज्य से कोई 40 गुना बड़ा था..... sikandr