संकलित पदों में सूरदास जी के किन जीवन मूल्यों की
प्रतिमा प्रदान की है और किस
मान मान से भक्ति मार्ग
को श्रेष्ठता का वर्णन किया हैं?
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संत कवी सूरदास को वात्सल्य रस के सम्राट माने जाते है ।
Explanation:
- भक्ति शब्द का निर्माण भेज धातु से हुआ है।
- इसका अर्थ होता है "ईश्वर के प्रति सेवा और भक्ति भाव" संत कवि सूरदास के अनुसाए अनुरक्ति ही भक्ति है वह कहते है की ईश्वर परम प्रेमरूप है और अमृतरूप है।
- सूरदास जी वल्ल्भाचार्य के शिष्य थे एवं कृष्ण भक्त है। भक्ति चरण के दो चरण होते है दास भाव भक्ति और हरी भाव भक्ति।
- "सूरदास प्रभु तुम्हरे भजन बिनु जैसे सूकर स्वान-सियार" एक ऐसी पंक्ति है जो कवि का भाव दर्शाती है।
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