संकलित साखियों और पदों के आधार पर कबीर के धार्मिक और सांप्रदायिक सद्भाव संबंधी विचारों पर प्रकाश डालिए।
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Explanation:
महान कवि और समाज सुधारक थे संत कबीर, मृत्यु के बाद भी दिया एकता का संदेश कबीर दास जी ने अपना पूरा जीवन लोगों की भलाई के लिए समर्पित कर दिया और मृत्यु के बाद भी हिंदू और मुस्लिम धर्म में व्याप्त कुरीतियों को खत्म करने का प्रयास किया। ... वे हिन्दू-मुस्लिम धर्मों में फैली कुरीतियों के सख्त विरोधी थे।
Answer Explanation:
पाठ में संकलित साखियों से ज्ञात होता है कि कबीर समाज में फैले जाति-धर्म के झगड़े, ऊँच-नीच की भावना, मनुष्य का हिंदू-मुसलमान में विभाजन आदि से मुक्त समाज देखना चाहते थे। वे हिंदू-मुसलमान के रूप में राम-रहीम के प्रति कट्टरता के घोर विरोधी थे। वे समाज में सांप्रदायिक सद्भाव देखना चाहते थे। कबीर चाहते थे कि समाज को कुरीतियों से मुक्ति मिले। इसके अलावा उन्होंने ऊँचे कुल में जन्म लेने के बजाए साधारण कुल में जन्म लेकर अच्छे कार्य करने को श्रेयस्कर माना है।
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