संकलत आकलन - I(B)
वषय – हद ं
का : आठ कुल अकं : 20
समय अवध: 1 घंटा
सामाय नदश :
● नप यानपवूक पढ़ |
● नप चार खंड मवभिजत है |
● सभी न करना अनवायहै | उर पणू वाय मलखए।
● उर लखतेसमय वछता तथा समय सीमा का यान रख |
(खंड - क : अपठत गयांश)
न 1: नीचेदए गए अनछु ेद को यान सेपढ़ए तथा पछू ेगए न के उर परूेवाय मदिजए।
(1+1+1+1+1= 5)
बच! या आपनेकभी ऐसा पी देखा हैिजसके सर पर मोर क ह तरह मकुुट होता हैजी हाँ! मकुुट !
इसके पंख ह इसके मकुुट क तरह होतेह। यह पी इज़रायल का राय पी है। इसका नाम भी थोड़ा
अलग - सा है“हुदहुद”। यह ततल क तरह उड़ान भरता है। यह अपनेपंख को इकठा कर जोर से
छोड़ता है। इसक चच लंबी और काफ़ मजबतू होती है। भोजन क तलाश मयह अपनी चच धरती म
गड़ा देता हैऔर शकार मलनेपर धरती के अदरं ह चच खोलकर शकार को पकड़कर खा जाता है। यह
कई कार के वातावरण मरह सकता है। ठंडेहो या गमे यह सभी जगह आसानी सेरह सकता है।
हुदहुद का एक नाम और हैहुपी। यह नाम इसक आवाज के कारण ह पड़ा है। इसका भोजन छोटे-छोटे
कट, ज़मीन के अदरं रहनेवालेकचआु , कट आद ह। यह खलु ेजंगल म, शहर मपाक के आसपास
देखा जा सकता है। यह अपना घसला पेड़ क खोल, कोटर तथा पथर क दरार के बीच मबनाता है।
इसके अडं ेसेजब तक चजू ेनहं नकलतेमादा पी घसलेमरहकर अड क रा करती है। नर पी
उसके लए खाना लाता है। शकारय सेबचनेके लए येघसलेके आसपास बदबूफैला लेतेह।
क) इज़रायल के राय पी का या नाम है?
ख) इस पी क उड़ान कसक तरह होती है?
ग) यह अपना घसला कहाँ -कहाँबना सकता है?
घ) इसका भोजन या है?
1
शव नाडर कूल, नोएडा G8.SA1B.QP- 2020-21
ङ) शकारय सेबचनेके लए यह या उपाय करता है?
(खंड - ख : साहय)
न 2: नीचेदए गए न मसे कसी एक का उर दिजए। (3)
क) ‘अक़बर लोटा' पाठ के आधार पर ‘लाला झाऊलाल’ के यितव क चारक वशषताओ े ं
को लखए।
ख) ‘अक़बर लोटा' पाठ के आधार पर ‘बलवासी म’ के यितव क चारक वशषताओ े ं
को लखए।
ग) ‘अक़बर लोटा' पाठ के आधार पर इस कहानी के कय भाव, समया व समाधान को
लखए।
न 3: नीचेदए गए न को यान सेपढ़कर कसी एक का उर दिजए। (2)
क) कवता ‘नर हो न नराश करो मन को' के कव का नाम लखए व उसके कय भाव को
बताइए।
ख) कवता ‘नर हो न नराश करो मन को' के आधार पर बताइए क जगत मनाम करनेके लए
या-या करना होगा?
(खंड - ग : याकरण)
न 4: नीचेदए गए संा शद को भाववाचक संा शद म बदलए तथा उन भाववाचक संा शद
सेवाय बनाइए | (3)
क) म
ख) बचा
ग) वक़ल
न 5: नीचेदए गए वाय को यान सेपढ़ कर रत थान मसवनाम शद लख कर उसका भेद
बताइए | (2)
क) घर के बाहर --------------- खड़ा है।
ख) --------------- मेरा दोत है।
ग) --------------- लाठ --------------- भस ।
घ) अनका ु बाज़ार से --------------- लाई है?
2
शव नाडर कूल, नोएडा G8.SA1B.QP- 2020-21
(खंड - घ : रचनामक लेखन)
न 6: नीचेदए वषय को यान सेपढ़कर कसी एक वषय पर एक आकषक वापन बनाइए।
(5)
क) आपनेएक ऑरगैनक (जवकै ) दंत - मंजन बनाया हैजोक दाँत के लए अछा होनेके
साथ - साथ पयावरण के लए भी नक़सानद ु ेह नहं है। लोग को इस उपाद को ख़रदनेहेतु
ेरत करनेके लए वापन बनाइए।
ख) वछता अभयान को सफ़ल बनानेव लोग को जागक बनानेहेतुएक आकषक वापन
बनाइए।
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it is so long question.!
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- पर्यावरण शब्द का निर्माण दो शब्दों परि और आवरण से मिलकर बना है, जिसमें परि का मतलब है हमारे आसपास अर्थात जो हमारे चारों ओर है, और 'आवरण' जो हमें चारों ओर से घेरे हुए है। पर्यावरण उन सभी भौतिक, रासायनिक एवं जैविक कारकों की कुल इकाई है जो किसी जीवधारी अथवा पारितंत्रीय आबादी को प्रभावित करते हैं तथा उनके रूप, जीवन और जीविता को तय करते हैं।
- संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित यह दिवस पर्यावरण के प्रति वैश्विक स्तर पर राजनैतिक और सामाजिक जागृति लाने के लिए मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 1972 में 5 जून से 16 जून तक संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आयोजित विश्व पर्यावरण सम्मेलन से हुई। 5 जून 1973 को पहला विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया।
- पर्यावरण के जैविक संघटकों में सूक्ष्म जीवाणु से लेकर कीड़े-मकोड़े, सभी जीव-जंतु और पेड़-पौधों के अलावा उनसे जुड़ी सारी जैव क्रियाएं और प्रक्रियाएं भी शामिल हैं। जबकि पर्यावरण के अजैविक संघटकों में निर्जीव तत्व और उनसे जुड़ी प्रक्रियाएं आती हैं, जैसे: पर्वत, चट्टानें, नदी, हवा और जलवायु के तत्व इत्यादि।
- सामान्य अर्थों में यह हमारे जीवन को प्रभावित करने वाले सभी जैविक और अजैविक तत्वों, तथ्यों, प्रक्रियाओं और घटनाओं से मिलकर बनी इकाई है। यह हमारे चारों ओर व्याप्त है और हमारे जीवन की प्रत्येक घटना इसी पर निर्भर करती और संपादित होती हैं। मनुष्यों द्वारा की जाने वाली समस्त क्रियाएं पर्यावरण को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करती हैं। इस प्रकार किसी जीव और पर्यावरण के बीच का संबंध भी होता है, जो कि अन्योन्याश्रित है।
- मानव हस्तक्षेप के आधार पर पर्यावरण को दो भागों में बांटा जा सकता है, जिसमें पहला है प्राकृतिक या नैसर्गिक पर्यावरण और मानव निर्मित पर्यावरण। यह विभाजन प्राकृतिक प्रक्रियाओं और दशाओं में मानव हस्तक्षेप की मात्रा की अधिकता और न्यूनता के अनुसार है।
- पर्यावरणीय समस्याएं जैसे प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन इत्यादि मनुष्य को अपनी जीवनशैली के बारे में पुनर्विचार के लिये प्रेरित कर रही हैं और अब पर्यावरण संरक्षण और पर्यावरण प्रबंधन की आवश्यकता महत्वपूर्ण है। आज हमें सबसे ज्यादा जरूरत है पर्यावरण संकट के मुद्दे पर आम जनता और सुधी पाठकों को जागरूक करने की।
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