संकट की घड़ी में एकता ही देश की रक्षा कवच है- कथन को ध्यान में रखते हुए नागरिकों को देश की स्वतंत्रता के लिए कौन-कौन से कर्तव्य होनी चाहिए। तूने आज की परिस्थितियों में स्पष्ट कीजिए?
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एक-दूसरे के प्रति सम्मान एवं स्वागत के सूचक ‘नमस्ते’ से लेकर सूर्य नमस्कार, योग, प्राणायाम, यम, नियम, प्रत्याहार, ध्यान, धारणा, शुचिता, सात्विक जीवन शैली, सर्वांगीण स्वास्थ्य, प्रकृति-पर्यावरण सम्मान आदि प्राचीन आध्यात्मिक प्रज्ञा, पद्धति एवं परंपराओं को भारत ने समग्र मानवता के लिए कोरोना संक्रमण विरुद्ध रक्षा कवच के रूप में स्थापित किया है। इसके साथ ही जलवायु परिवर्तन के भयावह परिणामों से उबरने के भी सटीक उपाय के रूप में इन्हें प्रस्तुत किया है
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यह देश और देश के नागरिकों के लिए उचित नहीं है। इस तरह देश को नुकसान पहुँचाने की साज़िश की जाती है। अतः देश के नागरिकों को चाहिए कि धर्म के नाम पर लड़ने के स्थान पर भाईचारे, आपसी सहयोग को बल दें।
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