संकटों मेंवीर घबरातेनहीं, आपदाएंदेख नछप जातेनहीं।
लग गए ब्जस काम में, पूरा ककया, काम करके व्यथापछतातेनहीं।
हो सरल अथवा कहिन हो रास्ता, कमावीरों को ना इससेवास्ता।
बढ चलेतो अंत तक ही बढ चले, कहिन तर गगररश्ंगर ऊपर चढ चले।
कहिन पत्र को देख मुस्कुरातेसदा, संकटों केबीच मेंगातेसदा।
हैअसंभव कुछ नहींउनकेमलए, सरल संभव कर हदखातेवेसदा।
यह संभव कायों का शलद है, कहांथा नेपोमलयन नेएक हदन।
सच बताऊं , ब्जंदगी ही व्यथाहै, दपाबबन, उत्साह बबन और शब्क्त बबन।
1. कमषिीरों को ककसकी आिश््कतय िहीं होती?
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gosh...okk...I am telling you
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