संकटकाल में संयुक्त परिवार का महत्व पर निबंध लिखिए निबंध की सीमा 250 से 300 शब्द
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मनुष्य को अपने विकास के लिए समाज की आवश्यकता हुयी , इसी आवश्यकता की पूर्ती के लिए समाज की प्रथम इकाई के रूप में परिवार का उदय हुआ .क्योंकि बिना परिवार के समाज की रचना के बारे में सोच पाना असंभव था .समुचित विकास के लिए प्रत्येक व्यक्ति को आर्थिक ,शारीरिक ,मानसिक सुरक्षा का वातावरण का होना नितांत आवश्यक है .परिवार में रहते हुए परिजनों के कार्यों का वितरण आसान हो जाता है .साथ ही भावी पीढ़ी को सुरक्षित वातावरण एवं स्वास्थ्य पालन पोषण द्वारा मानव का भविष्य भी सुरक्षित होता है उसके विकास का मार्ग प्रशस्त होता है .परिवार में रहते हुए ही भावी पीढ़ी को उचित मार्ग निर्देशन देकर जीवन स्नाग्राम के लिए तैयार किया जा सकता है . आज भी संयुक्त परिवार को ही सम्पूर्ण परिवार माना जाता है .वर्तमान समय में भी एकल परिवार को एक मजबूरी के रूप में ही देखा जाता है .हमारे देश में आज भी एकल परिवार को मान्यता प्राप्त नहीं है औद्योगिक विकास के चलते संयुक्त परिवारों का बिखरना जारी है . परन्तु आज भी संयुक्त परवर का महत्त्व कम नहीं हुआ है .संयुक्त परिवार के महत्त्व पर चर्चा करने से पूर्व एक नजर संयुक्त परिवार के बिखरने के कारणों ,एवं उसके अस्तित्व पर मंडराते खतरे पर प्रकाश डालने का प्रयास करते हैं .संयुक्त परिवारों के बिखरने का मुख्य कारण है रोजगार पाने की आकांक्षा .बढती जनसँख्या तथा घटते रोजगार के कारण परिवार के सदस्यों को अपनी जीविका चलाने के लिए गाँव से शहर की ओर या छोटे शहर से बड़े शहरों को जाना पड़ता है और इसी कड़ी में विदेश जाने की आवश्यकता पड़ती है .परंपरागत कारोबार या खेती बाड़ी की अपनी सीमायें होती हैं जो परिवार के बढ़ते सदस्यों के लिए सभी आवश्यकतायें जुटा पाने में समर्थ नहीं होता .अतः परिवार को नए आर्थिक स्रोतों की तलाश करनी पड़ती है .