CBSE BOARD X, asked by prashantprajapti596, 6 months ago

साख की शर्तों से आप क्या समझते ह

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Answered by shishir303
19

साख से तात्पर्य ऋण से है, जो किसी कार्य की पूर्ति जैसे (व्यवसाय, व्यापार, खेती, नवरोजगार) आदि के लिए लिया जाता है। साख की आवश्यक शर्तें इस तरह होती हैं...

  • किसी साख के समझौते में एक निश्चित ब्याज दर होती है, जिसे ऋणकर्ता को उधारप्रदाता को चुकाना होता हैस यह ब्याज दर साख के औपचारिक स्रोतों (बैंक, सरकारी वित्तीय संस्थान) में कम होती है जबकि साख के अनौपचारिक स्रोतों (महाजन, साहूकार) में अधिक हो सकती है।
  • उधारप्रदाता ऋणकर्ता को कोई समर्थक ऋणाधार की मांग कर सकता है। समर्थक ऋणाधार वो गारंटी होती है, जो किसी ऋण के एवज में ऋणकर्ता उधारप्रदाता को देता है। ये गारंटी निम्न रूप में हो सकती है, जैसे कि अचल सम्पत्ति (मकान, दुकान, खेत आदि), आभूषण, बैंक में जमा कोई फिक्स जमा धन (एफडी), वाहन या अन्य कोई कीमती वस्तु अथवा किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति द्वारा ली गई जिम्मेदारी।
  • साख को चुकाने के लिये एक निश्चित समय सीमा दी जाती है, उस समय सीमा को पूरा करने पर भी ऋण न चुका पाने की स्थिति में पूर्वनिर्धारित अतिरिक्त शुल्क देना होता है,जिसे पेनल्टी कहते हैं।

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प्र.1 साख के औपचारिक स्रोत से आप क्या समझते हैं?

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Answered by chitranjangupta8238
11

Answer:

साख से तात्पर्य ऋण से है, जो किसी कार्य की पूर्ति जैसे (व्यवसाय, व्यापार, खेती, नवरोजगार) आदि के लिए लिया जाता है। साख की आवश्यक शर्तें इस तरह होती हैं...

किसी साख के समझौते में एक निश्चित ब्याज दर होती है, जिसे ऋणकर्ता को उधारप्रदाता को चुकाना होता हैस यह ब्याज दर साख के औपचारिक स्रोतों (बैंक, सरकारी वित्तीय संस्थान) में कम होती है जबकि साख के अनौपचारिक स्रोतों (महाजन, साहूकार) में अधिक हो सकती है।

उधारप्रदाता ऋणकर्ता को कोई समर्थक ऋणाधार की मांग कर सकता है। समर्थक ऋणाधार वो गारंटी होती है, जो किसी ऋण के एवज में ऋणकर्ता उधारप्रदाता को देता है। ये गारंटी निम्न रूप में हो सकती है, जैसे कि अचल सम्पत्ति (मकान, दुकान, खेत आदि), आभूषण, बैंक में जमा कोई फिक्स जमा धन (एफडी), वाहन या अन्य कोई कीमती वस्तु अथवा किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति द्वारा ली गई जिम्मेदारी।

साख को चुकाने के लिये एक निश्चित समय सीमा दी जाती है, उस समय सीमा को पूरा करने पर भी ऋण न चुका पाने की स्थिति में पूर्वनिर्धारित अतिरिक्त शुल्क देना होता है,जिसे पेनल्टी कहते हैं।

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