Hindi, asked by premsinghrajput409, 1 year ago

सुख सागर के लेखक कौन हैं

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Answered by anjum84
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sukh sagar ke lekhak hai भवान सिंह राणा

manishamridula2006: मुंशी सदासुखलाल
Answered by stefangonzalez246
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सुखसागर, मुंशी सदासुखलाल का एक हिंदी पाठ, खारी बोली के शुरुआती कार्यों में से एक है।

इसकी रचना 1604 में हुई थी। इसका पाठ सबसे पहले रोज सुबह और शाम की नमाज में किया जाता है। इसका यही अर्थ है, और एक अंश है:

कभी-कभी जब मैं (लेखक) अकेला होता हूं, तो एक आंतरिक उत्तेजना होती है। मुझे उनसे कोई नफरत नहीं है, चाहे किसी ने मुझे कितनी भी तकलीफ दी हो। सब पर दया करो। यह अवस्था कुछ ही मिनटों की होती है। इसे मेहर लहर कहते हैं। अनंत काल के सर्वोच्च स्थान सतलोक के दर्शन करने के बाद सभी जीव बहुत आनंदित होते हैं। ऐसी तरंगें आत्मा में असंख्य रूप से उठती हैं। जब यह लहर मेरी आत्मा से दूर जाती है, तो वही उदास अवस्था शुरू होती है। उसने ऐसा क्यों कहा? वह अच्छा नहीं है, वह नुकसान खत्म हो गया है, खत्म हो गया है, खत्म हो गया है। इसे तबाही की लहर कहा जाता है।

#SPJ3

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