(स) खुश हो गई 2. लघु उत्तरीय प्रश्न (क) पिता जी से सयानी बुआ के उदाहरण सुनकर लेखिका व उनके भाई-बहन क्या कामना करते थे? (ख) पहाड़ पर जाते समय बुआ जी ने अपने पति को क्या-क्या हिदायतें दीं? (ग) पत्र का अंतिम भाग सुनकर बुआ जी पर क्या प्रभाव हुआ? 3. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न आशय स्पष्ट कीजिए- (क) “संसार की माया से मोह रखना दुख का मूल है।"
Answers
दिए गए प्रश्नों के उत्तर निम्नलिखित हैं।
( क) पिताजी से सयानी बुआ के उदाहरण सुनकर लेखिका व उनके भाई - बहन यह कामना करते थे कि सयानी बुआ अपने ससुराल में ही रहे तो अच्छा है।
( ख) पहाड़ पर जाते समय बुआ जी ने अपने पति को यह हिदायतें दी , " यह फ्रॉक खोना नहीं, सात रुपए इसकी सिलाई दी है मैंने । यह प्याले मत तोड़ना इस सेट की कीमत पचास रुपए है। गिलास पंद्रह बरस से मेरे पास है, तोड़ दिया तो ठीक नहीं होगा। "
( ग) पत्र का अंतिम भाग सुनकर बुआ जी जोर से हंस पड़ी। पहली बार वे दिल खोलकर हंस रही थी जैसे स्वर्ग की निधि मिल गईं हो।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
( क)
“संसार की माया से मोह रखना दुख का मूल है।" आशय स्पष्ट कीजिए।
संदर्भ - प्रस्तुत पंक्ति मन्नू भंडारी की रचना " सयानी बुआ" से ली गई है।
प्रसंग - भाई साहब ने बुआ जी को जो पत्र लिखा , यह पंक्ति उन्होंने उस पत्र में लिखी थी। बुआ जी का पचास रुपए वाला प्याले का से टूट गया था।
व्याख्या - संसार की सभी वस्तुएं नश्वर है, सभी का एक न एक दिन नाश हो जाना है , इसलिए कहा गया है कि संसार की माया से मोह रखना दुख का कारण है।