सुख दुख कविता के अनुसार हास और आशु किसके जीवन के अनिवार्य पहलू है
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सुख दुख कविता के अनुसार हास और आशु किसके जीवन के अनिवार्य पहलू है
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कवि ने मानव जीवन का उद्देश्य सुख-दुख में हँसते रोते मानव जीवन आगे बढ़ता है। मानव जीवन में हँसी और रुलाई दोनों सदा रहते हैं। जैसे सबेरा होता है, शाम होती है, फिर सबेरा होता हैवैसे ही जीवन में सुख मिलते हैं,फिर दुख,फिर सुख।
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आशा है कि यह जवाब आपको काम आएगा
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