सुखिया के बाहर जाने पर पिता का हृदय क्यों काँप उठता था
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कविता की उन पंक्तियों को लिखिए, जिनसे निम्नलिखित अर्थ का बोध होता है: सुखिया के बाहर जाने पर पिता का हृदय काँप उठता था। ... पिता की वेदना और उसका पश्चाताप।
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उत्तर: मेरा हृदय काँप उठता था,
बाहर गई निहार उसे;
यही मनाता था कि बचा लूँ
किसी भाँति इस बार उसे।
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