Economy, asked by sheikhabdullah97201, 7 months ago

सांख्यिकी के कोई दो कार्य लिखिए​

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Answered by sandeepbauri971
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Explanation:

सांख्यिकी का कार्य विशाल और जटिल तथ्यों को सरल संक्षिप्त बनाना है क्योंकि एकत्र किये हुए आँकड़ों की विशाल राशि को समझना कठिन होगा। अतः सांख्यिकी की विभिन्न रीतियों, जैसे-- माध्य, अपकिरण, बिन्दुरेखीय या चित्रमय प्रदर्शन इत्यादि के द्वारा इन तथ्यों को सरल एवं संक्षिप्त बनाया जा सकता है।

Answered by Anonymous
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Answer:

सांख्यिकी के कार्य

Explanation:

1. तथ्यों की तुलना करना  : सरलीकृत आँकड़ों का तब तक कोई महत्व नही होता जब तक कि उसी प्रकार के दूसरे आँकड़ों से उसकी तुलना न की जाय और उनमे सम्बन्ध स्थापित न किया जाय। तुलना के कार्य द्वारा समंकों के सापेक्ष महत्व को प्रस्तुत करने मे सहायता मिलती है। उदाहरण के लिए भारत मे प्रति व्यक्ति आय की जानकारी तब उपयोगी होगी जब अन्य देशों की प्रति व्यक्ति आय से तुलना की जाये।

2. व्यक्तिगत अनुभव व ज्ञान मे वृद्धि  : सांख्यिकी के अध्ययन और प्रयोग से व्यक्ति के ज्ञान और अनुभव मे वृद्धि होती है, उसके विचारों को स्पष्ता औथ निश्चितता मिलती है, विश्लेषण और तर्कशक्ति का विकास होता है तथा इसके आधार पर वह विभिन्न विषयों और समस्याओं को उचित प्रकार समझने लगता है।  

3. नीतियों के निर्धारण मे सहायता  : सांख्यिकी विभिन्न क्षेत्रों मे (अर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक) नीतियाँ निर्धारित करने मे पथ प्रदर्शन का काम करती है। सांख्यिकी सामग्री के वैज्ञानिक विश्लेषण के द्वारा विभिन्न नीतियों का निर्माण होता है। आँकड़ों एवं उनकी प्रवृत्तियों के आधार पर देश मे आयात-निर्यात नीति, कर नीति निर्धारण होती है।

4. सांख्यिकी दूसरे विज्ञानों के नियमों की जाँच करती है : सांख्यिकी से विभिन्न विषयों और विज्ञानों के नियमों का निर्माण किया जाता है और निगमन प्रणाली के आधार पर बने नियमों सत्यता की जांच की जाती है। आवश्यकतानुसार उन नियमों मे परिवर्तन भी किये जाते है। उदाहरण के लिए समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, तर्कशास्त्र के नियम सांख्यिकी की सहायता से बनते है। ऐसे नियमों मे स्थिरता रहती है और वै सार्वभौमिक होते है।

5. तथ्यों का अनुमान एवं पूर्वानुमान : सांख्यिकी रीतियों के आधार पर वर्तमान तथ्यों का अनुमान और भावी तथ्यों का पूर्वानुमान लगया जाता है। योजनाओं के लिए यह बहुत आवश्यक होता है और इसी के आधार पर योजनाएं बनायी जाती है। यह कार्य बाहरी गणन व आन्तर गणन से किया जाता है।

6. सांख्यिकी तथ्यों को निश्चितता प्रदान करती है : सांख्यिकी का प्रथम कार्य तथ्यों को संख्यात्मक रूप मे एकत्र और प्रस्तुत करना है। सांख्यिकी सामान्य विवरणों को संक्षिप्त एवं निश्चित रूप से प्रस्तुत करता है। उदाहरण के लिए यह कहा जाये कि जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है तो यह कथन तब तक प्रभावशाली नही होगा जब तक उसे संख्यात्मक रूप मे भी प्रस्तुत न किया जाये।

7. सांख्यिकी जटिलता को सरल बनाती है : सांख्यिकी का कार्य विशाल और जटिल तथ्यों को सरल संक्षिप्त बनाना है क्योंकि एकत्र किये हुए आँकड़ों की विशाल राशि को समझना कठिन होगा। अतः सांख्यिकी की विभिन्न रीतियों, जैसे-- माध्य, अपकिरण, बिन्दुरेखीय या चित्रमय प्रदर्शन इत्यादि के द्वारा इन तथ्यों को सरल एवं संक्षिप्त बनाया जा सकता है।

8. परिकल्पनाओं की जाँच : सांख्यिकी का एक कार्य परिकल्पनाओं का निर्धारण और उनकी सत्यताओं का पता लगाना है। जैसे-- क्या पेट्रोल के मूल्य मे वृद्धि से उसके उपयोग मे कमी हुई है। इत्यादि।

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