साला
इसका रहस्य क्या है ? उन्हें ऐसा लगा कि गिलहरी न तो नहा रही है और न ही उसका श्रम
निरुद्देश्य है। वह तो बिना एक क्षण भी रुके पूरी लगन से उस काम में लगी हुई है। उसे
यह भी चिन्ता नहीं थी कि कोई उसके काम को देख रहा है अथवा नहीं। अन्त में सिद्धार्थ
से रहा नहीं गया। वे उससे पूछ ही बैठे, “नन्हीं गिलहरी! मैं बड़ी देर से देख रहा हूँ।
यह क्या खेल कर रही है?"
"खेल", गिलहरी बिना एक क्षण रुके आश्चर्यचकित होकर बोली, “महात्मन्! आप
मेरा यह कार्य खेल लग रहा है? मैंने इस झील को सुखाने का निश्चय कर लिया है
में उसी कार्य में लगी हुई हूँ। आप इसे खेल कैसे समझ बैठे?"
गिलहरी के उत्तर से सिद्धार्थ आश्चर्य में पड़ गए। उन्होंने पूछा, “खेल नहीं त
? तुम समझती हो कि अपनी पूँछ के साथ दस-बीस बूंदें पानी बाहर निकाल देने से
डी झील खाली हो जाएगी?"
दी-कक्षा 4, (इकाई-एक)
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pahle Baat Mujhe aapka question samajh mein nahin hai aur dusri Baat agar aap Kisi Ko Gali de rahe to main aapko Bata Dun ki mujhe aapse acchi gadi Aati Hai
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