सामा 100-150
प्लेटफार्म पर उसके बहुत-से दोस्त, भाई रिश्तेदार थे, हसरत भरी नजरों, बहते हुए
आसुओं, ठंडी साँसों और भिंचे हुए होठों को बीच में से काटती हुई रेल सरहद की
तरफ बढ़ी। अटारी में पाकिस्तानी पुलिस उतरी, हिंदुस्तानी पुलिस सवार हुई। कुछ
समझ में नहीं आता था कि कहाँ से लाहौर खत्म हुआ और किस जगह से अमृतसर
शुरु हो गया। एक जमीन थी, एक जबान थी, एक-सी सूरतें और लिबास, एक-सा
लबोलहजा, और अंदाज थे, गालियाँ भी एक ही-सी थीं जिनसे दोनों बड़े प्यार से
एक-दूसरे को नवाज रहे थे। बस मुश्किल सिर्फ इतनी थी कि भरी हुई बंदूकें दोनो
के हाथों में थी।
(क) सरहद की तरफ बढ़ते हुए प्लेटफार्म का कैसा दृश्य उपस्थित था?
(ख) अटारी क्या है? वहाँ पुलिस में बदलाव क्यों हुआ?
(ग) लाहौर और अमृतसर में अंतर क्यों नहीं प्रतीत हुआ?
(घ) भारतीयों और पाकिस्तानियों में कौन-कौन सी समानता थी?
(ङ) भारत-पाकिस्तान के निवासियों के बीच मुश्किल क्या है? स्पष्ट कीजिए।
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(ख) अटारी क्या है? वहाँ पुलिस में बदलाव क्यों हुआ?
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Explanation:
लाहौर और अमृतसर में अकबर रोड दहिसर प्रतिभा लूंगा
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