Economy, asked by kaushikbhattacharjee, 1 month ago

सामूहिक पुरती एवं इसके प्रकार से कया समझते हैं​

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Answered by saininagar698
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Answer:

सहसी वर्ग केवल उतनी ही श्रम शक्ति को रोजगार देता है जितना उसे पारिश्रमिक दिया जा सके। इसके लिए सहसी को उत्पादन का कम-से-कम लागत मूल्य अवश्य प्राप्त होना चाहिये। अगर उसे न्यूनतम प्राप्तियाँ प्राप्त नहीं होगी तो वह उत्पादन कार्य बन्द कर देंगें और श्रमिक बेरोजगार हो जायेगें।

Explanation:

सामूहिक माँग = सामूहिक पूर्ति

सामूहिक माँग -

सामूहिक माँग का अभिप्राय समाज की सम्पूर्ण माँग से है। इसका अर्थ यह हुआ कि जब अधिक श्रमिकों को रोजगार दिया जायेगा तो उसके फलस्वरूप उत्पादन की मात्रा में वृद्धि होगी, जिससे साहसियों को भी अधिक मात्रा में द्रव्य की प्राप्ति होगी ।

सामूहिक पूर्ति -

सहसी वर्ग केवल उतनी ही श्रम शक्ति को रोजगार देता है जितना उसे पारिश्रमिक दिया जा सके। इसके लिए सहसी को उत्पादन का कम-से-कम लागत मूल्य अवश्य प्राप्त होना चाहिये। अगर उसे न्यूनतम प्राप्तियाँ प्राप्त नहीं होगी तो वह उत्पादन कार्य बन्द कर देंगें और श्रमिक बेरोजगार हो जायेगें।

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