Hindi, asked by nikhilyadav57329, 7 months ago

सामाजिक अविश्वास पैदा करने वाले कारकों को समझाइए​

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Answered by Gajjusingh
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Answer:

पूर्व बाल्यावस्था में सामाजिक व्यवहार के कुछ रूप तो शैशवावस्था में सीखे गए व्यवहार के अवशेष होते हैं परन्तु वे व्यवहार, जो सफल समायोजन के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण होते हैं इसी समय प्रकट होते हैं, और विकसित होने लगते हैं| बाल्यावस्था के आरंभिक वर्षों में वे इतनी अच्छी तरह तो विकसित नहीं होते हैं तथापि या समय इन व्यवहारों के विकास का निर्णायक काल होता है, क्योंकि इस काल में आधारभूत समाजिक व्यवहारों के रूप न्रिधारित होते हैं (फ्रीमैन, 1953) तीन वर्ष से कम के बच्चों की सामाजिक अंतः क्रिया निम्न स्तर की होती है, तत्पश्चात सामाजिक अंतःक्रिया में तीव्रता से वृद्धि होती है| बालक में विकसित सामाजिक व्यवहार का स्वरुप और परिणाम (जैसे बालक में प्रभुत्व का विकास, नेतृत्व के गुण, अधीनता, आज्ञापालन का गुण या अनुपालन की संस्थिति एवं मात्रा), बहुत कुछ इस पर निर्भर करता है कि उसका परिवेश कैसा है? और बालक का लोगों से साथ सम्बन्ध कैसा है? रेयान (1949) ने विकाशील सामाजिक व्यवहारों का अन्वेषणात्मक अध्ययन किया तथा परिणामों में पाया कि ‘स्कूल पूर्व आयु’ में जो सामाजिक अभिवृत्तियां निर्मित हो चुकी होती हैं वे थोड़े से सुधार और परिवर्तन के साथ आगे भी बनी रहती है|

इस आयु में प्रकट होने वाले कुछ सामाजिक व्यवहार हैं, अनुकरण, प्रतिस्पर्धा. नकारवृति, आक्रामकता,कलह, सहयोग, प्रभुता, स्वार्थपरता, सहानुभूति तथा सामाजिक अनुमोदन की इच्छा | बालक में सामाजिक के साथ-साथ अनेक सामाजिक व्यवहार भी विकसित होते हैं| विकास मनोवैज्ञानिकों ने कुछ प्रमुख सामाजिक व्यवहारों को रेखांकित किया है जिनका उदभव या विकास पूर्व बाल्यावस्था में होता है|

Answered by vijayksynergy
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किसी का अनुकरण करना, नकारवृति, प्रतिस्पर्धा इत्यादि सामाजिक अविश्वास का कारण बन सकते है।

सामाजिक अविश्वास का अर्थ:

सामाजिक विशवास यानी समाज के कारको के कारण विश्वास कम होना या ना होना।

सामाजिक अविश्वास के कारक:

  • आक्रामकता की प्रवृति होना।
  • दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा करना।
  • हमेशा नकारवृति होना।
  • दुसरो के साथ कलह करना।
  • दुसरो के साथ स्वार्थपरता की भावना रखना।

#SPJ3

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