सामाजिक गतिशीलता ' निबंध के आधार पर ' मध्यकाल ' का वर्णन कीजिए
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Explanation:सामाजिक गतिशीलता से मोटेतौर पर हमारा आशय व्यक्ति अथवा समूह की प्रस्थिति मे परिवर्तन से होता है। प्रस्थिति का एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु मे जाना क्षैतिज अथवा ऊर्ध्वाधर हो सकता है, जो किसी क्षेत्र विशेष जैसे, शिक्षा, व्यवसाय, आय, सामाजिक शक्ति एवं सामाजिक वर्ग या इनमे से कुछ अथवा सभी क्षेत्रों मे हो सकता है।यदि परिवर्तन कुछ या सभी क्षेत्रों मे हुआ है तो संभव है कि यह किन्ही मे क्षैतिज या किन्हीं मे उदग्र हो और उदग्र मे भी गतिशीलता किन्ही क्षेत्रों मे ऊपर की ओर और किन्ही मे नीचे की ओर हो। ऐसे मे अलग-अलग क्षेत्रों मे हुई गतिशीलता के आधार पर सामाजिक गतिशीलता के एक संयुक्त सूचकांक की गणना जरूरी हो जाती है जिसके लिए स्केल का निर्माण या गणना विधि का निरूपण गतिशीलता के परिमापन संबंधी प्रयास के अन्तर्गत रखा जा सकता है। गतिशीलता के परिमापन का आकलन स्थान अथवा काल (या पीढ़ी) अथवा सामाजिक संरचना के प्रारूप (बन्द, प्रतिबंधित अथवा खुली) के संदर्भ मे हो सकता है। इसी प्रकार गतिशीलता व्यक्ति अथवा समूह के स्वयं के प्रयास से अथवा राज्य प्रावधानों आदि से किसी एक अथवा कई कारणों से हो सकती हैं।
Explanation:
मध्यकाल की सामाजिक गतिशीलता पर प्रकाश डालिए