सामाजिक मूल्यों पर आधारित पद,
दोहे, सुवचन आदि का सजावटी
सुवाच्य लेखन कीजिए।
Answers
Answered by
15
Answer:
पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय, ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय।…
प्रेम-प्रेम सब कोइ कहैं, प्रेम न चीन्
है कोय। जा मारग साहिब मिलै, प्रेम कहावै सोय॥गुणवेता और द्रव्य को, प्रीति करै सब कोय।
कबीर प्रीति सो जानिये, इनसे न्यारी होय॥गुणवेता और द्रव्य को, प्रीति करै सब कोय।
कबीर प्रीति सो जानिये, इनसे न्यारी होय॥
Similar questions