सामाजिक नियंत्रण के चेतन व अचेतन स्वरूप का उल्लेख किस विद्वान ने किया है?
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Answer:
जहां एक ओर समाज में प्रोत्साहन या पुरूस्कारों द्वारा व्यक्ति के व्यवहार को
नियंत्रित किया जाता है वही दूसरी ओर दण्ड के माध्यम से भी व्यक्ति के
व्यवहार को नियंत्रित किया जाता है। समाज द्वारा स्वीकृत नियमों, आदर्शो,
मूल्यों तथा प्रथाओं का उल्लधंन करने पर व्यक्ति को अपराध के स्वरूप के
आधार पर सामान्य से मृत्यु दण्ड तक दिया जाता है। यही कारण है कि
व्यक्ति आदर्शो के विपरीत आचरण नही करते या करने से डरतें है। इस प्रकार
के नियंत्रण को नकारात्मक नियंत्रण कहते है। जैसे कि जाति के नियमों के
विरूद्व आचरण करने वाले व्यक्ति को जाति से बहिष्कृत कर दिया जाता है।
गुरविच और मूरे ने सामाजिक नियंत्रण को संगठित, असंगठित, सहज नियंत्रण
तीन भागों में विभाजित
Answer:
heya!
Explanation:
जहां एक ओर समाज में प्रोत्साहन या पुरूस्कारों द्वारा व्यक्ति के व्यवहार को
नियंत्रित किया जाता है वही दूसरी ओर दण्ड के माध्यम से भी व्यक्ति के
व्यवहार को नियंत्रित किया जाता है। समाज द्वारा स्वीकृत नियमों, आदर्शो,
मूल्यों तथा प्रथाओं का उल्लधंन करने पर व्यक्ति को अपराध के स्वरूप के
आधार पर सामान्य से मृत्यु दण्ड तक दिया जाता है। यही कारण है कि
व्यक्ति आदर्शो के विपरीत आचरण नही करते या करने से डरतें है। इस प्रकार
के नियंत्रण को नकारात्मक नियंत्रण कहते है। जैसे कि जाति के नियमों के
विरूद्व आचरण करने वाले व्यक्ति को जाति से बहिष्कृत कर दिया जाता है।
गुरविच और मूरे ने सामाजिक नियंत्रण को संगठित, असंगठित, सहज नियंत्रण
तीन भागों में विभाजित
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