Psychology, asked by Sahi2071, 10 months ago

सामाजिक संज्ञान में स्कीमा या अन्वित्तियोजना के महत्व को स्पष्ट कीजिए I

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Answered by AvaneeshVBiradarAVBI
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      शिक्षा मनुष्य के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है।  शिक्षा,  शिक्षित बात करना,  शिक्षित विचार करना , शिक्षित संस्कृति,  ये सब एक आदमी को,  जानवरों या निरक्षरों या पथर-युग  के पुरुषों  से  अलग और ऊंचा  करता   हैं।

      इस प्रकार, शिक्षा एक निश्चित उम्र तक के सभी बच्चों को दिया जाना चाहिए।    बुनियादी न्यूनतम ज्ञान और कौशल, हर व्यक्ति को दिया जाना चाहिए।   शिक्षा के बिना, इस आधुनिक समाज में, किसी भी अच्छी नौकरी पाना   या पैसे  कमाना   संभव नहीं है।   बच्चों को किसी भी कौशल, संस्कृति, जीवन शैली, स्वास्थ्य, स्वच्छता, समाज में व्यवहार करने की तरीका,  शिष्टाचार आदि   नहीं सीख सकते हैं।

       आशिखित  बच्चे  एक अच्छे  तरीके से अन्य लोगों के साथ बातचीत नहीं कर सकते।  पड़ोसी बच्चे  निरक्षर बच्चों का मज़ाक उड़ाते हैं।   शिक्षा के बिना एक व्यक्ति अपने को हीन महसूस करता है।  अविकसित क्षेत्रों में कई लोग  अभी भी  बुरी तरह जी  रहे हैं,  उनके निरक्षरता और ज्ञान की कमी की वजह से ।    अनपढ़  लोग  अंधविश्वासी होने की संभावना है।   शिक्षा एक एक बच्चे को  एक  वयस्क बनने का काबिल बनाता है।    वह   अपने और अपने परिवार की देखभाल कर सकता  है । शिक्षा ठीक से जीवन बिताने के लिए और अच्छी तरह से खुद के आश्रितों की देखभाल करने के लिए जरूरी ज्ञान   प्रदान करता  है।

       भारत जैसे देश में,  सभी लोगों को शिक्षित करने के लिए सुविधाओं की व्यवस्था करना  आसान नहीं है।  मुख्य कारण  है  भ्रष्टाचार और भारत की विशाल जनसंख्या और  गरीबी ।     बहुत सरकारी स्कूल  बनाना ,  बच्चों को दिन के दौरान स्कूल में  खिलाना ,  गरीब लोगों के लिए और निश्चित रूप से अविकसित  वर्गों के बच्चों  के लिए हॉस्टल बनाना,  स्कूलों में छात्रों को शामिल  करने के  लिए विभिन्न योजनयें बनाना,  अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराना  हैं।

    अगर भारत आजकल आकाश/अन्तरिक्ष में उपग्रह भेज सकता है, भारतवासी अन्य देशों में जाकर बढ़िए काम करके भारत का नाम रोशन कर रहे हैं, हम दुनिया के कुछ देशों से थोडा सा आगे हैं, इन सबका कारण है शिक्षा जिसे पिछले दो तीन दशब्दियों के पहले पैदा हुए, उनके वजह से और उनकी सीखी हुई विद्या से। शिक्षा केवल पाठशाला में ही नहीं, दुनिया में सब जगह यानि घर में और दफ्तरों में सीखने को मिलता है।  क्यों कि आजकल तो नए नए विषय, तकनीक, गाडजेट तो हर दिन निकलते हैं।  उनके बारे में सीखकर जीवन में आगे बढ्ना  होता हैं हमें ।

  

      ग्रामीण लोगों को उनके गांवों के  नजदीक में जब रोजगार मिलते  हैं तो तब ,  शिक्षित सभी बच्चे अपने गावों  में जाएंगे।  अपने गाव को विकासित करेंगे।   और उनकी  शिक्षा सफल हो जाएगा।   ।    पहले लोग कहते थे कि बड़े होगाए शादी करो, नौकरी डूँढ़ों और बच्चे पैदा करो और वंश का नाम रोशन करो।  आजकल तो बोलते हैं,  शिक्षा पाओ, सीखो, दुनिया में जाओ और दुनिया को जीतो, नाम कमाओ, इज्जत कमाओ , शादी करो । अपने बच्चों को अपनेसे भी ज्यादा पढ़ाओ और वंश का नाम रोशन हो जाएगा l

Answered by TbiaSupreme
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"एक स्कीमा या अन्वितियोजना एक ऐसी मानसिक संरचना को कहते हैं जो किसी वस्तु या विषय के बारे में सूचना एकत्रित करने के लिए आवश्यक रूपरेखा नियम एवं दिशा-निर्देश प्रदान करती है।

अन्वित्तियोजना हमारी स्मृति में जमा मौलिक इकाइयों की तरह है जो सूचना के संग्रहण के लिए लिपि का कार्य करती है। इस कारण संज्ञान के लिए वांछित समय एवं मानसिक प्रयास की मांग कम हो जाती है। सामाजिक संज्ञान के संदर्भ में मूल इकाइयां सामाजिक स्कीमा कहलाती है। कुछ अभिवृत्तियां सामाजिक स्कीमा के रूप में कार्य करती हैं । हम अनेक तरह की स्कीमा का उपयोग करते हैं।

ज्यादातर स्कीमा संवर्ग या वर्ग के रूप में होती है संवर्ग के रूप में कार्य करने वाली स्कीमा को आद्यरूप या प्रोटोटाइप कहा जाता है । ये स्कीमा किसी वस्तु को पूरी तरह से परिभाषित करने में सहायक संपूर्ण विशेषताओं या गुणों के सेट होते हैं । लोगों के समूह से संबद्ध संवर्ग आधारित स्कीमा को रुढ़धारणा कहतें हैं । यहां हम उदाहरण द्वारा समझते हैं। माना कि आपको एक समूह ‘क’ को परिभाषित करना है। यदि आप इस समूह के किसी सदस्य को प्रत्यक्ष रूप से नहीं जानते है ना ही किसी से कभी मिले हैं तो संभव है कि आप ‘क’ समूह के प्रतिनिधि या किसी सदस्य के बारे में अपने सामान्य ज्ञान का उपयोग करते हुए अपनी पसंद या नापसंद को जोड़ेंगे। यदि आपने उस समूह के बारे में सकारात्मक बातें सुनी है तो आपका संपूर्ण समूह के बारे में सामाजिक स्कीमा अधिक सकारात्मक  होगा और दूसरी ओर यदि आपने समूह ‘क’ के बारे में नकारात्मक बातें ज्यादा सुनी हैं तो आपका सामाजिक स्कीमा नकारात्मक अधिक होगा जो कि रुढ़धारणा के रूप में होगा। जब आप वास्तव में समूह ‘क’ से या उसके किसी सदस्य से मिलोगे तो आपका उनके प्रति व्यवहार या आपके मन में उनकी छवि आपकी रुढ़धारणा से प्रभावित होगी।

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