Hindi, asked by nidhicp8405, 1 year ago

‘सामाजिक संविदा’ पुस्तक का लेखक कौन है?
A. रूसो
B. मोंटेस्क्यू
C. वाल्तेयर
D. दिदरो

Answers

Answered by Krish1993
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Answer:

Jean-Jacques Rousseau(रूसो)

Explanation:

' सामाजिक संविदा ' पुस्तक का लेखक रूसो है | साल 1762 में रूसो की युगांतकारी रचना The Social Contract (सामाजिक समझौता) छपी. इस किताब में रूसो ने मनुष्य में निहित संप्रभुता को सर्वोपरि माना I

सामाजिक संविदा (Social contract) कहने से प्राय: दो अर्थों का बोध होता है। प्रथमत: सामाजिक संविदा-विशेष, जिसके अनुसार प्राकृतिक अवस्था में रहने वाले कुछ व्यक्तियों ने संगठित समाज में प्रविष्ट होने के लिए आपस में संविदा या ठहराव किया, अत: यह राज्य की उत्पत्ति का सिद्धांत है। दूसररे को सरकारी-संविदा कह सकते हैं।

हालांकि एक सामाजिक संविदा के विचार पर पहले चर्चा की गई थी, यह अवधारणा मुख्य रूप से अंग्रेजी दार्शनिक थॉमस हॉब्स और जॉन लोक और फ्रांसीसी दार्शनिक जीन जैक्स रूसो से जुड़ी हुई है। इस लेख में, लेखक ने हॉब्स, लॉक और रूसो द्वारा प्रतिपादित सामाजिक संविदा के सिद्धांत की चर्चा की है।

Answered by chamilmajumder
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Answer:

A. Jean-Jacques Rousseau(रूसो)

सामाजिक संविदा (Social contract) कहने से प्राय: दो अर्थों का बोध होता है। प्रथमत: सामाजिक संविदा-विशेष, जिसके अनुसार प्राकृतिक अवस्था में रहने वाले कुछ व्यक्तियों ने संगठित समाज में प्रविष्ट होने के लिए आपस में संविदा या ठहराव किया, अत: यह राज्य की उत्पत्ति का सिद्धांत है। दूसररे को सरकारी-संविदा कह सकते हैं।

Explanation:

सामाजिक संविदा (Social contract) कहने से प्राय: दो अर्थों का बोध होता है। प्रथमत: सामाजिक संविदा-विशेष, जिसके अनुसार प्राकृतिक अवस्था में रहने वाले कुछ व्यक्तियों ने संगठित समाज में प्रविष्ट होने के लिए आपस में संविदा या ठहराव किया, अत: यह राज्य की उत्पत्ति का सिद्धांत है। दूसररे को सरकारी-संविदा कह सकते हैं। इस संविदा या ठहराव का राज्य की उत्पत्ति से कोई संबंध नहीं वरन् राज्य के अस्तित्व की पूर्व कल्पना कर यह उन मान्यताओं का विवेचन करता है जिन पर उस राज्य का शासन प्रबंध चले।

ऐतिहासिक विकास में संविदा के इन दोनों रूपों का तार्किक क्रम सामाजिक संविदा की चर्चा बाद में शुरू हुई। परंतु जब संविदा के आधार पर ही समस्त राजनीति शास्त्र का विवेचन प्रारंभ हुआ तब इन दोनों प्रकार की संविदाओं का प्रयोग किया जाने लगा - सामाजिक संविदा का राज्य की उत्पत्ति के लिए तथा सरकारी संविदा का उसकी सरकार को नियमित करने के लिए।

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